भोपाल, सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में रक्षा एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात कर उनसे भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जन्म-स्थली महू में राष्ट्रीय स्मारक से सटी सैन्य भूमि देने का आग्रह किया। श्री चौहान ने वित्त मंत्री से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार-गारंटी एवं अन्य केन्द्र वित्त पोषित योजनाओं, किसानों की बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से फसल क्षति के मुआवजे की प्रतिपूर्ति सहित प्रदेश के सहकारिता परिदृश्य तथा बाजार से लिये जाने वाले ऋण की सीमा वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जन्म-स्थली महू में राष्ट्रीय स्मारक से जुड़ी सर्वे क्रमांक 88 की 4.52 एकड़ सैन्य भूमि, जिस पर हर वर्ष बाबा साहेब के जन्म-दिवस 14 अप्रैल को विशाल जनसमूह एकत्र होता है, राज्य को स्थानांतरित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस सम्बन्ध में राज्य द्वारा पूर्व में भेजे गये पत्र का भी उल्लेख किया, जिसमें सैन्य भूमि के बदले में राजस्व भूमि सेना को सौंपने का प्रस्ताव किया गया है। दरअसल महू के इस स्मारक के पास सैन्य भूमि के अतिरिक्त दूर-दूर तक कोई दूसरा उपयुक्त स्थल नहीं है। मुख्यमंत्री को यह अनुरोध हाल ही में सेना द्वारा इस क्षेत्र में निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के कारण भी करना पड़ा है।

मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में राज्य द्वारा किये गये कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए बताया कि अब तक 2500 करोड़ रूपये का कार्य किया जा चुका है, जिसमें केन्द्र की हिस्सेदारी 2250 करोड़ की है। केन्द्र से राज्य को अब तक 1750 करोड़ रूपये ही हासिल हुए हैं तथा 400 करोड़ रूपये अभी प्राप्त होना है । साथ ही इस योजना में इस वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए 2500 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने केन्द्र से यह राशि मुहैया करवाने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जन-धन योजना के क्रियान्वयन की जानकारी देते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि प्रदेश में अब तक 27 लाख 52 हजार खाते खोले जा चुके हैं। 26 जनवरी 2015 तक 60 लाख खाते खोलने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने प्रदेश के श्रेष्ठ वित्तीय प्रबंध का उल्लेख करते हुए राज्य द्वारा बाजार से उधार लेने की सीमा, जो इस वर्ष 4600 करोड़ रूपये निर्धारित की गयी थी, को बढ़ाकर 10600 करोड़ रूपये किये जाने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने नाबार्ड से भी ऋण सीमा 1250 करोड़ से बढ़ाकर 1500 करोड़ रूपये करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने जनवरी से मार्च 2014 के दौरान गैर मौसमी बरसात और ओला वृष्टि से नष्ट हुई 30 लाख हेक्टेयर फसल और उससे प्रभावित 32 लाख किसान की जानकारी केन्द्रीय मंत्री को दी। उन्होंने जन-हानि तथा पशुधन हानि के बारे में भी बताया। इसके लिए राज्य ने केन्द्र सरकार से 5963 करोड़ रूपये के विशेष पैकेज की मांग की थी। राज्य सरकार ने अपनी तरफ से 2150 करोड़ रूपये राहत एवं फसल मुआवजा बतौर बाँटे हैं। मुख्यमंत्री ने इस राशि की केन्द्र द्वारा प्रतिपूर्ति किये जाने की मांग की।

श्री चौहान ने बताया कि वैद्यनाथन कमेटी द्वारा मध्यप्रदेश को अल्प अवधि सहकारी साख संरचना के लिए 2006-07 में 1814.40 करोड़ रूपये का पैकेज दिया गया था। इसमें केन्द्र का 1652.30 करोड़ रूपये तथा राज्य शासन का 162.10 रुपये करोड़ का अंश शामिल था। इस पैकेज की 667.21 करोड़ की केन्द्रीय सहायता अभी तक अप्राप्त है । उन्होंने प्रदेश के तीन जिला केन्द्रीय सहकारी बेंक को रिजर्व बेंक में लंबित बेंकिंग लाइसेंस भी दिये जाने का अनुरोध किया। राज्य ने इस कार्य के लिए 65 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सहयोग राशि भी जमा करा दी है। राज्य सहकारी बेंकों के माध्यम से किसानों को 15000 करोड़ रूपये का अल्प अवधि फसल ऋण जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाना है। इससे विगत तीन वर्ष से निरंतर सफलता मिल रही है तथा मौजूदा वर्ष में राज्य की कृषि विकास दर में 24.99 प्रतिशत की वृद्धि अंकित की गयी है। श्री अरूण जेटली ने हरसम्भव सहायता का आश्वासन दिया।

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