भोपाल, सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों के हक में फसल बीमा योजना में और सुधार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये केन्द्र सरकार से भी बातचीत चल रही है। श्री चौहान सीहोर जिले के नसरूल्लागंज में फसल बीमा योजना में बीमा राशि के प्रमाण-पत्र वितरण की शुरूआत कर रहे थे। उन्होंने करीब 50 किसान को प्रतीक स्वरूप प्रमाण-पत्र वितरित किये। सीहोर जिले में 296 करोड़ 50 लाख के प्रमाण-पत्र किसानों को दिये जायेंगे। इतिहास में पहली बार प्रदेश में 34 जिले में 14 लाख 20 हजार 602 किसान को 2,167 करोड़ 43 लाख की दावा राशि के प्रमाण-पत्र दिये जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि देश में पहली बार मध्यप्रदेश ने वर्ष 2013-14 में किसानों को राज्य के संसाधनों से ओला-पाला राहत, समर्थन मूल्य पर बोनस और विभिन्न किस्म की सब्सिडी के रूप में डेढ करोड़ से अधिक किसान को 12 हजार 345 करोड़ की राशि वितरित की थी। यह राशि अधिकांश किसानों के बेंक खाते में सीधे जमा हुई।

राष्ट्रीय कृषि बीमा में प्रदेश के 14 लाख 21 हजार किसान का 2,187 करोड़ का दावा स्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा खरीफ किसानों को बीमा दावों का भुगतान करवाने के लिये निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के इतिहास में योजना प्रारंभ से लेकर अब तक किसानों को सबसे बड़ी बीमा राशि का भुगतान मिला है। योजना आरंभ वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2013 तक बीमा योजना में मात्र 2000 करोड़ रूपये के फसल बीमा दावों का भुगतान हुआ था। इसकी तुलना में खरीफ 2013 के तहत 2,187 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना में समारोहपूर्वक किसानों को बीमा योजना का लाभ देने की शुरूआत कर दी गई है। यह प्रक्रिया 20 सितम्बर तक चलेगी। किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेती को लाभ का व्यवसाय बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके चलते ही 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक प्रदेश में कृषि महोत्सव आयोजित किये जा रहे हैं। इस दौरान किसानों को विभिन्न योजना के लाभ देने के साथ-साथ कृषि की आधुनिक तकनीकों से अवगत करवाया जायेगा। किसान तीर्थ योजना में चयनित किसानों को ले जाकर खेती के उन्नत तरीके सिखाये जायेंगे।

कृषि उपकरणों पर वेट कर समाप्त

श्री चौहान ने किसानों से फूलों एवं फलों का उत्पादन बढ़ाने और खेती की नई तकनीकें अपनाने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि खेती में उपयोग किये जाने वाले उपकरणों पर वेट समाप्त कर दिया गया है, आगे और भी कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि खेती की व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाकर उसे अधिक से अधिक लाभकारी बनाया जा रहा है। उन्होंने किसानों को इस कार्य में सक्रिय योगदान करने की शपथ भी दिलायी।

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