भोपाल, सितम्बर 2014/ किसी भी क्षेत्र की सफलता उसकी अधोसंरचना पर निर्भर करता है। प्रदेश में औद्योगिक अधोसंरचना के विकास की दृष्टि से यह दशक अभूतपूर्व परिवर्तन और नवीन परियोजनाओं के क्रियान्वयन का साक्षी है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में इस अवधि में औद्योगिक संरचना विकास को प्रदेश में प्राथमिकता एवं महत्व दिया जा रहा है जिसका नतीजा प्रदेश में अधिक से अधिक देशी व विदेशी उद्योगों के निवेश के रूप में सामने आया है। पिछले एक दशक में औद्योगिक अधोसंरचना विकास मद में प्रदेश में 745.21 करोड़ व्यय किया गया।
12 वीं पंचवर्षीय योजना में 27 स्थान पर लगभग 7675 हेक्टेयर भूमि पर चरणबद्ध रूप से 3022 करोड़ रुपये की लागत से सर्वसुविधायुक्त औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की योजना मंजूर की गई है। इसकी शुरूआत 99 करोड़ 21 लाख की लागत से इंदौर के क्रिस्टल आईटी पार्क के रूप में पूर्ण कर लिया गया है। कुल 12 औद्योगिक क्षेत्र आचारपुरा, बगरोदा, जम्बार बागरी, रूधि-भावसिंगपुरा, उज्जैयिनी, सिरसोदा, नेमावर, सीतापुर (पहाड़ी), रेडीमेड गारमेन्ट पार्क गदईपुरा, अमकुही, भूरकल खापा व उमरिया डुंगरिया में 1038 हेक्टेयर भूमि पर 375 करोड के कार्य प्रगति पर हैं। इसके अलावा 6 औद्योगिक क्षेत्र अपैरल व फार्मा क्लस्टर, ताजपुर, मैहर, सीतापुर (पहाड़ी) (चरण दो), नमकीन क्लस्टर व बाबई में 240 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया में है।
प्रदेश में पहली बार मंत्रि-परिषद् द्वारा वर्ष 2012-14 की अवधि में 13 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्र की 7556 हेक्टेयर भूमि पर 481 करोड़ रुपये की अधोसंरचना उन्नयन परियोजना मंजूर की गई। वर्तमान में 7 औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप, गोविन्दपुरा, पीथमपुर, पोलोग्राउण्ड सावेर रोड और सिद्धगवां, महाराजपुर में 351 करोड़ 57 लाख की राशि से 4441.89 हेक्टेयर भूमि में उन्नयन कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। इस पर अब तक 140 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके हैं। अन्य 6 औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर, मनेरी, रिछाई, सतना पुरैना व देवास में प्रस्तावित कार्यों में 314 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर अधोसंरचना विकास कार्य के लिए 129 करोड़ रुपये की निविदाएँ आमंत्रित की जा चुकी हैं।
प्रदेश में औद्योगिक अधोसंरचना विकास का कार्य इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर और रीवा स्थित औद्योगिक केन्द्र विकास निगम द्वारा किया जाता है।