भोपाल, सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आग्रह किया है कि वे 25 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होने वाले कृषि महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी कर इससे लाभ उठायें। कृषि महोत्सव का उद्देश्य किसानों को खेती की नई तकनीकों तथा विधियों से अवगत करवाना है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को इस संबंध में लिखे पत्र में कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत और सरकार द्वारा योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में देश में अग्रणी बन गया है। यह गर्व की बात है कि प्रदेश तिलहन और दलहन फसलों के उत्पादन में सर्वोच्च स्थान पर है। चना और सोयाबीन के उत्पादन में भी प्रदेश प्रथम तथा खाद्यान्न, मसूर और सरसों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। गेहूँ के उत्पादन में प्रदेश 2करोड़ मीट्रिक टन का लक्ष्य शीघ्र प्राप्त कर लेगा।

श्री चौहान ने पत्र में कहा कि खेती को मुनाफे का धंधा बनाने के लिये राज्य सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। सिंचित रकबा 8 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 27 लाख हेक्टेयर किया गया है। गेहूँ, धान और मक्का पर बोनस दिया जा रहा है। खेती के लिये ब्याज रहित ऋण मुहैया करवाया जा रहा है। इसके अलावा खेती के लिये पर्याप्त बिजली दी जा रही है। उन्नत खेती की तकनीकों का प्रसार किया गया है। इन सब कदमों की बदौलत बीते तीन साल में प्रदेश ने 20 प्रतिशत से अधिक कृषि विकास दर हासिल की है, जो अपने आप में कीर्तिमान है।

मुख्यमंत्री ने लिखा कि पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार ने बोनस, मुआवजा, बीमा और अनुदान के रूप में लगभग डेढ़ करोड़ किसान को 12 हजार करोड़ से अधिक राशि की सहायता सीधे उपलब्ध करवाई है। पिछले साल सोयाबीन की फसलों को भारी नुकसान हुआ था, इसकी क्षतिपूर्ति के लिये बीमा दावा राशि 2 हजार 187 करोड़ लगभग 14 लाख किसान के खातों में जमा की जा रही है। किसानों के कल्याण के लिये इससे पहले कभी इतनी बड़ी राशि एक वर्ष में नहीं दी गई।

मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खेती को लाभ का धंधा बनाने के प्रयासों की कड़ी में आयोजित किये जा रहे कृषि महोत्सव में ज्यादा से ज्यादा से भागीदारी कर इसका पूरा लाभ उठायें।

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