भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश सरकार पशुओं के स्वास्थ्य और इलाज पर विशेष ध्यान दे रही है। यही कारण है कि पशु चिकित्सा सेवाओं का कव्हरेज जो एक वर्ष पूर्व 48 प्रतिशत था, अब बढ़कर 57.50 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार एक साल में ही पशु चिकित्सा सेवाओं के कव्हरेज में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की गई।
प्रदेश में पशु चिकित्सा संस्थाओं की कमी को दूर करने के लिये 498 पशु औषधालय को उन्नयन के लिये चिन्हित किया गया था। इसके विरुद्ध 11वीं पंचवर्षीय योजना में 112 पशु औषधालय का पशु चिकित्सालय में उन्नयन किया गया। इसी तरह 12वीं पंचवर्षीय योजना में वर्ष 2013 तक 256 पशु औषधालय का पशु चिकित्सालय में उन्नयन किया गया। चालू माली साल में 36 नवीन पशु औषधालय खोले जा रहे हैं। इसके लिये बजट में 2 करोड़ 79 लाख की राशि रखी गई है। इस वर्ष 75 पशु औषधालय का पशु चिकित्सालय में उन्नयन किया जायेगा। इस पर 16 करोड़ 64 लाख 48 हजार रुपये की धनराशि व्यय होगी। पशु चिकित्सा सेवाओं में वृद्धि के क्रम में प्रदेश में 11 पंचवर्षीय योजना में 114 और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 120 नवीन पशु औषधालय की स्थापना की गयी। राज्य सरकार ने पशु स्वास्थ्य रक्षा के लिये पर्याप्त बजट भी रखा है।
पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये जिलों के दूरस्थ क्षेत्र में रोग निवारण और बाँझ पशु उपचार शिविर भी लगाये जा रहे हैं। पशु रोग निदान के लिये गत वर्ष 10 अतिरिक्त जिलों में रोग अन्वेषण प्रयोगशाला स्थापित की गई। जैविक उत्पाद संस्थान महू में 12 प्रकार के टीका द्रव्य का उत्पादन किया जाता है। इस संस्थान का सुदृढ़ीकरण 11 करोड़ के खर्च से किया जा रहा है। राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुदृढ़ीकरण होने से पशुओं को गुणवत्तायुक्त टीकाद्रव्य उपलब्ध हो सकेगा। पशु रोगों की रोकथाम के लिये विभागीय अमले को प्रशिक्षण देने का सिलसिला भी निरंतर जारी है।
पशुओं के उपचार के लिये 89 आदिवासी विकासखण्ड में चल पशु चिकित्सा इकाई भी संचालित है। इन इकाइयों की मॉनीटरिंग जीपीएस से की जा रही है। इन इकाइयों से ग्रामीण अंचलों के पशुपालकों को घर पहुँच सेवा मिल रही
पशुपालकों को एक ही भवन में आधुनिकतम जाँच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 38 जिला-स्तरीय पशु चिकित्सालय को पॉली क्लीनिक का स्वरूप दिया गया है। पॉली क्लीनिक में विभिन्न विषय के विशेषज्ञों को पदस्थ किया गया है। चालू साल में 10 और जिलों में पाली क्लीनिक खोले जा रहे हैं।