भोपाल, सितंबर 2014/ मध्‍यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने घोषणा की है कि राजभाषा विभाग को पुनर्जीवित किया जाएगा। हर वर्ष हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को भोपाल में विश्‍वस्‍तरीय आयोजन किया जाएगा और उसमें हिन्‍दी की सेवा करने वालों को पांच अलग अलग श्रेणियों में एक लाख रुपए की सम्‍मान निधि के साथ पुरस्‍कृत किया जाएगा।

श्री चौहान ने राजधानी में ‘हिन्दी पर्व’  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं कीं। इस अवसर पर उन्‍होंने हिन्दी सेवा के लिये संस्थागत और व्यक्तिगत पुरस्कार प्रदान किए। हिन्‍दी के पहले पोर्टल वेबदुनिया को भी सम्‍मानित किया गया। पुरस्कार पाने वालों में सर्वश्री राजकुमार बंसल, डॉ मुनेश्वर गुप्ता, डॉ. मनोहर भंडारी,  ओम प्रकाश श्रीवास्तव, बृजकिशोर कुठियाला और सी-डेक संस्था शामिल हैं। वेब दुनिया के श्री विनय छजलानी की ओर से पुरस्‍कार वेबदुनिया के नेशनल हेड- बिजनेस विशाल डाकोलिया ने प्राप्‍त किया।

मुख्‍यमंत्री ने प्रतिवर्ष जिन पांच श्रेणियों में पुरस्‍कार देने की घोषणा की है उनमें निर्मल वर्मा पुरस्कार ऐसे अप्रवासी भारतीयों को दिया जाएगा  जो विदेश में हिन्दी के विकास में योगदान कर रहे हैं। फादर कामिल बुल्के पुरस्कार विदेशी मूल के ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जो हिन्दी भाषा और बोली के विकास में योगदान दे रहे हैं। गुणाकर मुले पुरस्कार हिन्दी में वैज्ञानिक, तकनीकी लेखन और पाठ्य-पुस्तकों के निर्माण के लिये दिया जाएगा। हिन्दी सूचना प्रौद्योगिकी पुरस्कार हिन्दी में सॉफ्टवेयर, सर्च इंजन, वेब डिजाइनिंग, डिजिटल भाषा आदि के लिये दिया जाएगा। हिन्दी सेवा पुरस्कार अहिन्दी भाषी लेखकों और साहित्यकारों को दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी को और मजबूत बनाने के लिय राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सभी निर्माण विभागों द्वारा अंग्रेजी में बनाए जाने वाले प्राक्कलन को हिन्दी में बनाने के निर्देश दिये गये हैं। यह प्रयास किया जाएगा कि उच्च न्यायालयों के निर्णयों का हिन्दी अनुवाद पक्षकारों को मिले। उन्होंने हिन्दी के अधिक से अधिक उपयोग के प्रति जन-जागृति अभियान की जरूरत बताते हुए व्यापारिक, व्यावसायिक संस्थानों का आव्हान किया कि वे भी अपने सूचना-पटल और पट्टिकाओं को अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी बनवायें।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के उप कुलपति मोहन लाल छीपा, संस्‍कृति विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव और संस्कृति संचालक श्रीमती रेणु तिवारी उपस्थित थे।

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