भोपाल, सितंबर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गैस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश की जरूरतों के अनुरूप पेट्रो केमिकल एण्ड पेट्रोलियम इनवेस्टमेंट रीजन (पी.सी.पी.आई.आर.) बनाने का आग्रह किया है। रीजन बन जाने से पेट्रो केमिकल एण्ड पेट्रोलियम इनवेस्टमेंट रीजन में ही दो लाख करोड़ से अधिक का निवेश आ सकता है। सैकड़ो किलोमीटर विस्तार का ऐसा क्षेत्र (रीजन) बन जाने से मध्यप्रदेश में पेट्रो केमिकल इण्डस्ट्री का बेल्ट बन जायेगा। इस बेल्ट में हजारों करोड़ रूपये के निवेश से उर्वरक, पेट्रोकेमिकल, प्लास्टिक, फार्मा इण्डस्ट्री आदि स्थापित होंगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में इस तरह की महती परियोजनाओं की स्वीकृति के लिये केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार से गहन विचार-विमर्श किया। वे आगामी 20 सितम्बर को इन परियोजनाओं के संबंध में दिल्ली जाकर श्री अनंत कुमार सहित पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धमेन्द्र प्रधान, ऊर्जा एवं कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा केन्द्र सरकार के अधिकारियों से चर्चा करेंगे।

श्री अनंत कुमार ने मध्यप्रदेश के इस आग्रह पर सहमति व्यक्त करते हुए बताया कि वित्त मंत्री ने गैस पाइप लाइन बिछाने के लिये इस वर्ष बजट में दस हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। नई पाइप लाइन आन्ध्रप्रदेश के वेल्लावरम से गुजरात के सूरत तक जायेगी। बीच में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा, जबलपुर, उज्जैन, देवास, झाबुआ आदि शहर प्रस्तावित हैं। प्रदेश में हजीरा-जगदीशपुर पाइप लाइन पहले से है। इसी लाइन में गुना के समीप विजयपुर में नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड स्थापित है। इस लाइन में अन्य उद्योग भी आ सकते हैं।

श्री अनंत कुमार ने मुख्यमंत्री के पी.सी.पी.आई.आर. के प्रस्ताव के बारे में कहा कि मध्यप्रदेश में गैस पाइप लाइन टर्मिनल, रिफायनरी, ट्रेकिंग यूनिट, उर्वरक कारखाने, गैस आधारित पावर प्लान्ट, पेट्रो केमिकल उद्योग तथा फार्मास्युटिकल उद्योगों का विशाल क्षेत्र विकसित होगा। श्री अनंत कुमार ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी एजूकेशन स्थापित करने तथा भोपाल स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी के विस्तार की भी संभावना बताई।

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