भोपाल, सितंबर 2014/ राज्यपाल राम नरेश यादव ने कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकारों को दृष्टि-बाधितों की कल्याणकारी योजनाओं और आरक्षण की प्रक्रिया को मुस्तैदी और प्रतिबद्धता के साथ लागू करना चाहिए। दृष्टि-बाधिता एक मानवीय विडम्बना है। इसको एक अंग दोष के रूप में मानवीय दृष्टि से देखना चाहिए। दृष्टि-बाधितों को अभिशाप या बोझ समझ कर अपने से दूर नहीं करना चाहिए। यह बात राज्यपाल ने आज राजभवन में दृष्टि-बाधितों की सहायता के लिये ‘ध्वज दिवस’ का शुभारंभ करते हुए कही।

इस अवसर पर नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड और दि ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन की ओर से राज्यपाल को ध्वज लगाया गया। राज्यपाल ने संस्थाओं के पदाधिकारियों को सहयोग राशि प्रदान की। पूर्व में नेत्रहीन विद्यार्थियों ने राज्यपाल को पुष्प भेंट किये।

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