भोपाल, सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को मेन्युफेक्चरिंग हब बनाने, व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने, शहरी प्रबंधन और पर्यटन के क्षेत्र में सिंगापुर से सहयोग का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री सिंगापुर के एमेरिटस सीनियर एडवाईजर तथा पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग और उनके साथ आये 15 सदस्यीय प्रतिनिधि-मंडल से प्रदेश के विकास एवं विकास प्राथमिकताओं पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगापुर प्रदेश में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने तथा अधोसंरचना और योजना के संबंध में विशेषज्ञ सहायता कर सकता है। श्री टोंग की यात्रा से मध्यप्रदेश से वैचारिक आदान-प्रदान होगा तथा मध्यप्रदेश को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
श्री टोंग द्वारा सिंगापुर के राष्ट्रीय दिवस पर रेखांकित की गई चार बातों नेतृत्व, सुशासन, जनता के बीच सामंजस्य और जनता तथा सरकार के बीच आत्मीयता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में इन चारों बात को लागू किया जा रहा है। सुशासन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये लोक सेवा गांरटी अधिनियम, सी.एम. हेल्पलाईन, ई-टेंडरिंग, ई-पेमेंट, ई-मेजरमेंट जैसे कदम उठाये गये हैं। आज मध्यप्रदेश देश में सर्वाधिक विकास दर 11.08 प्रतिशत और सर्वाधिक कृषि विकास दर 24.99 प्रतिशत वाला प्रदेश है। प्रदेश में रोजगार के नये अवसर पैदा करने के लिये कौशल विकास तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना शुरू की गई है। प्रदेश में चार नये इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर और इण्डस्ट्रियल टाउन बनाने की योजना है। प्रदेश में पर्यटन विकास के क्षेत्र में भी काफी संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में निवेश की दृष्टि से सिंगापुर का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश से एक दल सिंगापुर भेजा जायेगा, जो प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विचार करेगा।
मध्यप्रदेश द्वारा सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में हुई प्रगति और भविष्य की रणनीतियों से प्रभावित टोंग ने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करना चुनौतीपूर्ण काम है। वर्तमान परिस्थितियों में जापान और भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों को देखते हुए जापानी कंपनियों से मध्यप्रदेश में निवेश की अच्छी संभावनाएँ हैं। सिंगापुर इसमें उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है। जापान औद्योगिक विस्तार करना चाहता है।