भोपाल, सितम्बर 2014/ पंचायत राज संस्थाओं को 73वें संविधान संशोधन द्वारा संवैधानिक दर्जा और मान्यता दी गई है। इसी संदर्भ में संसद द्वारा अधिसूचित क्षेत्र की पंचायतों के लिये पंचायत उपबन्ध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम-पेसा एक्ट-1996 अधिनियमित कर लागू किया गया है। पेसा एक्ट के जरिये पंचायत प्रणाली का अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार किया गया है। इस अधिनियम को प्रभावशील करने का मुख्य उद्देश्य संविधान की पाँचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों की पंचायत-राज संस्थाओं का सशक्तिकरण करना है। इस एक्ट के तहत राज्य के विधानों में ऐसे उपाय करना, जो अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम-पंचायतों को शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करे, जो उन्हें स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य के लिये समर्थ बना सकें शामिल है। मध्यप्रदेश के जो जिले अनुसूचित क्षेत्र में शामिल हैं, उनमें झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, मण्डला, डिण्डोरी और अनूपपुर का सम्पूर्ण भाग शामिल है। इसके अलावा धार, खरगोन, रतलाम, खण्डवा, बुरहानपुर, होशंगाबाद, बैतूल, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, उमरिया, सीधी, शहडोल तथा श्योपुरकला जिले का आंशिक भाग पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित क्षेत्र में शामिल किया गया है।

पेसा एक्ट-1996 एक सरल लेकिन व्यापक और शक्तिशाली कानून है, जो अनुसूचित क्षेत्रों के गाँवों को अपने क्षेत्र के संसाधनों और गतिविधियों पर अधिक नियंत्रण देने की शक्ति देता है। यह एक्ट ग्राम सभा को महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है और लोगों की परम्पराओं और रीति-रिवाजों, उनकी सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक संसाधनों का प्रबंधन और विवादों का निपटारा पारम्परिक रीति से करने के लिये सशक्त बनाता है। पेसा अधिनियम अंतर्गत ग्रामसभा को जो अधिकार सौंपे गये हैं उनमें सामाजिक और आर्थिक विकास के कार्यक्रम और परियोजनाओं का अनुमोदन, विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों का चयन, निधियों के उपयोग का प्रमाणन करना, सामाजिक अंकेक्षण शामिल है।

पेसा एक्ट में विकास परियोजनाओं के लिये अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि-अर्जन के पूर्व परामर्श तथा प्रभावित और विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के संबंध में परामर्श देना, गौण खनिजों के खनन पट्टों के संबंध में परामर्श, मद्य निषेध या किसी मादक द्रव्य के विक्रय और उपभोग को विनियमित या निर्बन्धित करना, गौण (लघु वनोपज का स्वामित्व) और अनुसूचित-जनजाति के किसी व्यक्ति अधिक्रमित भूमि या नियम विपरीत बेची गई भूमि वापस कराने का अधिकार पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित क्षेत्र की ग्रामसभा को सौंपा गया है।

ग्रामसभा को ग्राम बाजारों का प्रबंधन, अनुसूचित-जनजातियों को धन उधार देने पर नियंत्रण, सभी सामाजिक सेक्टर की संस्थाओं और कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण तथा स्थानीय योजनाओं और जन-जातीय उपयोजनाओं के स्रोतों पर नियंत्रण का अधिकार भी पेसा एक्ट में दिया गया है।

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