भोपाल, सितंबर, 2014/ प्रदेश से कुपोषण समाप्त करने की मुहिम के चलते 82 लाख महिला और बच्चों को पोष्टिक आहार देकर लाभान्वित किया गया है। परिणाम-स्वरूप कुपोषण के ग्राफ में 8 प्रतिशत की कमी रेखांकित हुई है। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने यह जानकारी दी।
श्रीमती सिंह ने बताया कि पोषण आहार केन्द्रों से महिला-बच्चों को दिये जाने वाले आहार में उनकी रुचि के साथ ही पौष्टिकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विटामिन, माइक्रो न्यूट्रीन और प्रोटीनयुक्त आहार देने के कारण नेशनल इंस्टीट्यूट न्यूट्रीन हैदराबाद द्वारा करवाये गये सर्वे में कुपोषण 60 से घटकर 52 प्रतिशत पर पहुँच गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में होने वाले सर्वे में यह ग्राफ और नीचे जायेगा।
प्रदेश में पोषण आहार केन्द्रों से 6 माह से 3 साल तक के 32 लाख बच्चे को पोषण आहार दिया जा रहा है। तीन से 6 साल तक के 30 लाख बच्चे पोषण आहार प्राप्त कर रहे हैं। इन्हीं केन्द्र से 12 लाख गर्भवती एवं धात्री महिला को पोषण आहार दिया जा रहा है। सबला योजना में 11 से 18 वर्ष की 8 लाख बालिका को पोषण आहार के साथ ही हर सप्ताह आयरन और विटामिन की गोलियाँ भी दी जा रही हैं।
अति-कम वजन के बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिये विशेष रूप से पूरे प्रदेश में सुपोषण अभियान चलाया गया। अभियान से 50 हजार बच्चे लाभान्वित हुए हैं। अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 5000 स्नेह शिविर लगाकर अति-कम वजन के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण रुचिकर पोषण आहार दिया गया।