भोपाल, अगस्त  2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वायदे के अनुरूप मध्यप्रदेश में एक सप्ताह के अंदर बिजली उपलब्धता 8200 मेगावाट तक पहुँच गई है। गत 28 अगस्त के बाद प्रदेश में आवश्यकता के अनुरूप बिजली की मांग की आपूर्ति की जा रही है। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में बिजली की कमी के कारण कटौती नहीं हो रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में विद्युत उपलब्धता को बढ़ाकर 8000 मेगावाट तक ले जाने के निर्देश दिये थे।

ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, एमपी पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक मनु श्रीवास्तव सहित प्रदेश के अधिकारियों द्वारा केन्द्र सरकार एवं ऊर्जा उपक्रमों से सतत संपर्क कर उनसे मध्यप्रदेश को मिलने वाली बिजली को 1850 मेगावाट से बढ़ाकर 2250 मेगावाट तक लाने में सफलता प्राप्त की। इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर और सरदार सरोवर से मिलने वाली बिजली में नर्मदा घाटी विकास विभाग और एन.व्ही.डी.ए. के सहयोग से भारी वृद्धि हुई। जल संसाधन विभाग के निर्णय से राज्य में स्थित जल परियोजनाओं, जैसे टोंस, पेंच, मड़ीखेड़ा आदि से अधिक बिजली मिल सकी। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के विद्युत गृहों के उत्पादन में भी वृद्धि हुई। साथ ही अन्य स्त्रोतों से भी बिजली उपलब्ध होने से 28 अगस्त से मध्यप्रदेश में बिजली की अधिकतम उपलब्धता 8200 मेगावाट रही।

बिजली की संतोषजनक उपलब्धता के कारण 28 अगस्त दोपहर 2 बजे के बाद से पूरे राज्य में कहीं भी बिजली की कमी के कारण कटौती की स्थिति निर्मित नहीं हुई। पूरे राज्य में आवश्यकता के अनुसार बिजली की मांग की पूर्ति की जा रही है। अगले कुछ दिनों में त्यौहारों के कारण बिजली की अधिक मांग की पूर्ति की भी व्यवस्था की गई है।

पिछले एक-दो दिन में राज्य के कई हिस्सों में हुई बारिश से भी बिजली की मांग में कमी आई है। बिजली की व्यापक उपलब्धता के कारण इस समय इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर से विद्युत उत्पादन को मांग की आवश्यकतानुसार कम रखा जा रहा है। जरूरत पड़ने और मांग बढ़ने पर इंदिरा सागर तथा ओंकारेश्वर से 1200 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा की जा सकती है।

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