भोपाल, अगस्त  2014/ राज्यपाल राम नरेश यादव ने कहा है कि चित्रकूट विश्वविद्यालय का ग्रामीणों के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान है। विश्वविद्यालय ने क्षेत्र के ग्रामीणों के उत्थान के लिए ही प्रयास नहीं किये बल्कि देश में अपनी विश्विष्ट पहचान भी स्थापित की है। राज्यपाल महात्मा गांधी ग्रामोदय चित्रकूट विश्वविद्यालय के प्रबंध मण्डल की 47 वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में कुलपति प्रो. नरेश चन्द्र गौतम, राज्यपाल के प्रमुख सचिव विनोद सेमवाल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के.के.सिंह़, संचालक वित्त संदीप यादव, प्रबंध मंडल के सदस्य उपस्थित थे।

राज्यपाल ने शिक्षकों और पदाधिकारियों से ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नानाजी देशमुख के ग्राम स्वराज्य के सपने को साकार करने का आव्हान किया। कहा कि यह भारत का प्रथम ग्रामीण विश्वविद्यालय है जिसका उद्देश्य शिक्षा, शोध एवं प्राकृतिक सम्पदा का उपयोग कर भारत को प्रगति और विकास की ओर अग्रसर करना है। श्री यादव ने हाल ही में चित्रकूट में हुई दुर्घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों को आगे आना चाहिए।

बैठक में चित्रकूट के आस-पास के किसानों को खेती की आधुनिकतम तकनीक, उन्नत बीज, आधुनिक उर्वरक एवं नवीन शोध से प्रकाश में आई महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध करवाने के लिए कृषक सेवा केन्द्र तथा डेयरी सांइस विभाग की स्थापना के प्रस्ताव के साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा छात्रों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया।

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