भोपाल, सितंबर 2014/ मध्यप्रदेश में दस साल पहले की सरकार के मुकाबले शहरी विकास के क्षेत्र में अब ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2002-03 में शहरी विकास से जुड़े नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की व्यय राशि, जो मात्र 738 करोड़ रुपये थी, वहीं वह अब छ: गुना से अधिक व्यय की जा रही है। पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अंतर्गत हुआ व्यय 4,850 करोड़ रुपये था, जो 738 करोड़ की तुलना में छ: गुना अधिक है।

मध्यप्रदेश सरकार ने चालू माली साल के लिये विभाग का बजट 6,012 करोड़ रुपये रखा है, जो विगत वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट 5,193 करोड़ से 819 करोड़ रुपये अधिक है। विभागीय बजट बढ़ाने के पीछे प्रमुख कारण आर्थिक उन्नति में नगरीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका को माना गया है। यह बात शहरी विकास मंत्रालय की उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समिति द्वारा वर्ष 2008 से 2011 में किये गये राष्ट्रीय-स्तर के अध्ययन से निकलकर सामने आयी है। प्रदेश सरकार ने भी इसी तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए विगत वर्षों के दौरान नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास तथा नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं को प्रदाय करने के उद्देश्य से विभाग के सालाना बजट में निरंतर वृद्धि की है।

मध्‍यप्रदेश में 14 नगरपालिक निगम 100 नगरपालिका परिषद 263 नगर परिषद हैं। प्रदेश के 377 शहरों में एक लाख से अधिक आबादी वाले 32 और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर 4 हैं। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014-15 के बजट में जो राशि रखी है, उसमें आयोजनेत्तर मद में 4,419 करोड़ तथा आयोजना मद में 1,592 करोड़ रुपये शामिल किये हैं। वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित करने के लिये नगरीय निकायों को भेजी जाने वाली समस्त राशि सीधे उनके खाते में जमा किये जाने की पहल भी की गई है।

आठ साल पहले शहरी अधोसंरचना विकास के लिये जवाहरलाल नेहरू शहरी पुर्ननवीनीकरण योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना में मध्यप्रदेश के चार शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन को शामिल किया गया था। योजना में शहरी अधोसंरचना तथा शहरी गरीबों के आवास की कुल 3,167 करोड़ की 48 परियोजना की स्वीकृति केन्द्र से प्राप्त हुई थी। इसी तरह छोटे तथा मझौले शहरों के लिये यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के अंतर्गत वर्ष 2006 से अब तक कुल 2,859 करोड़ लागत की 114 निकाय की 181 परियोजना स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 2 वर्ष में 65 निकाय की 113 नई योजना भी स्वीकृत की गई हैं, जिनका कार्य प्रगति पर है।

प्रदेश के शहरों में अधोसंरचना विकास कार्यों के लिये नगरीय निकायों को आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना 2011-12 से प्रारंभ की गई है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में इसके लिये 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। वर्तमान में 277 नगरीय निकाय को 1,429 करोड़ 79 लाख रुपये के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें प्रमुख रूप से सड़क, उद्यान, फुटपाथ, नाली निर्माण, स्ट्रीट लाइट इत्यादि विकास कार्य होंगे।

जिला मुख्यालयों तथा धार्मिक ऐतिहासिक पर्यटन की दृष्टि के महत्वपूर्ण शहरों में ‘उत्कृष्ट सड़क” बनाये जाने का भी निर्णय लिया गया है। अधिकांश शहर में कार्य प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ही लगभग 810 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कों को बनाये जाने के कार्य भी स्वीकृत किये गये हैं।

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