भोपाल, अगस्त 2014/ वित्तीय समावेशन के जरिये सुदूर ग्रामीण अंचलों तक बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के लिये नई ग्रामीण बैंक शाखाओं के भवनों के लिये 100 करोड़ रुपये का प्रावधान राज्य शासन ने किया है। मुख्यमंत्री ग्राम समृद्धि भवन योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतें उनके यहाँ खुलने वाली बैंक शाखाओं के लिये 10 लाख रुपये की लागत से भवन निर्मित करेगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस अनूठी योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिये राज्य स्तर पर एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया रहा है, जो मुख्यमंत्री ग्राम समृद्धि भवन के क्रियान्वयन में समन्वय करेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने आज केनरा बैंक की 5 नई ग्रामीण शाखाओं का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। श्री भार्गव ने भोपाल में आयोजित समारोह में लेपटाप पर क्लिक कर बैंक शाखाओं का ऑनलाइन शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने की। इस अवसर पर आयुक्त पंचायत राज रघुवीर श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
अपर मुख्य सचिव अरूणा शर्मा ने कहा कि वित्तीय समावेशन के मध्यप्रदेश मॉडल ‘समृद्धि’ का सफल क्रियान्वयन किया गया है। सुदूर अंचलों में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सुविधा मुहैया करवाने के लिये अब तक 2024 अल्ट्रा स्मॉल बैंक खोले जा चुके हैं। इन बैंकों के खुलने से ग्रामीण हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति, मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी सीधे उनके गाँव के आसपास ही बैंक खातों में जमा हो रही है। मध्यप्रदेश की इस अनूठी योजना को देश के अनेक राज्यों ने अपनाने की पहल की है। भारत सरकार द्वारा भी मध्यप्रदेश के समृद्धि मॉडल को 15 अगस्त 2014 से देशभर में संपूर्ण वित्तीय समावेशन योजना के रूप में लागू किया जा रहा है।