भोपाल, अगस्त 2014/ मध्यप्रदेश सरकार भू-जल के निरंतर गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए अब सतही स्त्रोतों पर आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दे रही है। योजनाओं के क्रियान्यन को गति देने के लिए गठित मध्यप्रदेश जल निगम इस दिशा में कार्य कर रहा है। वर्तमान में नल-जल योजना के माध्यम से ग्रामीण आबादी को पेयजल उपलब्धता का राष्ट्रीय औसत 47.60 एवं मध्यप्रदेश का औसत 26.10 प्रतिशत है। इस दृष्टि से राष्ट्रीय औसत के बराबर आने एवं वर्ष 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में नल-जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन करवाया जाना जरूरी होगा।

इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए जल निगम द्वारा सतही स्त्रोतों पर आधारित समूह जल प्रदाय योजनाओं के पहले चरण में 19 जिले के 889 ग्राम को चिन्हित किया गया है। इन ग्राम की 25 समूह पेयजल योजनाओं पर 1337 करोड़ 88 लाख रुपये की लागत आयेगी, जिसकी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। स्वीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निविदाएँ भी आमंत्रित की जा चुकी हैं। तीन योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्यादेश जारी किये गये हैं और उनका कार्य भी प्रगति पर है। शेष 22 योजनाओं की निविदा की कार्यवाही भी चल रही है।

दूसरे चरण में 33 समूह जल प्रदाय योजना का चयन कर सर्वेक्षण एवं डीपीआर बनवाने का कार्य किया जा रहा है। इनमें से 11 योजना की डीपीआर तैयार कर तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। अब प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही चल रही है। शेष 22 समूह जल प्रदाय योजना का डीपीआर बनाया जा रहा है। इन योजनाओं के अलावा अन्य जल प्रदाय योजनाओं को चिन्हित कर सर्वेक्षण एवं डीपीआर बनाने का कार्य भी किया जा रहा है।

बुन्देलखण्ड विकास विशेष पैकेज फेस-2 में जल निगम द्वारा 7 समूह जल प्रदाय योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। इनमें से 4 योजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। निविदा संबंधी कार्यवाही प्रक्रिया में है। शेष 3 योजना की डीपीआर तैयार कर उनकी तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है तथा प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी की जा रही है।

ग्रीष्म काल के दौरान बुन्देलखण्ड में प्रतिवर्ष किसी न किसी जिले को पेयजल संकट के दौर से गुजरना पड़ता है। पेयजल संकट के स्थायी निराकरण के लिए बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज में लगभग 100 करोड़ की लागत से 6 जिले क्रमश: सागर, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह एवं दतिया में 1287 पेयजल योजनाएँ स्वीकृत की गई थी। इनमें से 1103 योजना के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा 1047 योजनाओं से जल प्रदाय भी प्रारंभ हो चुका है। इस कार्य पर अब तक 95 करोड़ 53 लाख की राशि व्यय की जा चुकी है। शेष सभी योजनाओं के कार्य प्रगति पर है। इस साल दिसम्बर माह तक सभी योजना को पूर्ण करवाने का लक्ष्य है।

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