भोपाल, अगस्त 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मातृभाषा में पढ़ना और काम करना गर्व की बात है। हिन्दी को बढ़ावा देने के लिये बुनियादी परिवर्तन की जरूरत है। श्री चौहान यहाँ अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी और भारतीय भाषाओं में सभी विषयों की पढ़ाई की जा सकती है। इस उद्देश्य को लेकर हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। आज जापान, चीन और जर्मनी जैसे देशों में अपनी मातृभाषा में शिक्षा दी जाती है। अपनी भाषा में पढ़ने से विद्यार्थी की क्षमता बढ़ती है। हिन्दी सभी भाषाओं की जननी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाषा के बारे में मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में अब पंचायत स्तर के निर्माण कार्यों के लिये प्राकक्लन हिन्दी में बनाये जायेंगे। उच्च न्यायालय से निर्णयों का हिन्दी अनुवाद उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जायेगा। हिन्दी विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का समयबद्ध कार्यक्रम बनायें।
हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनलाल छीपा ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। बताया कि विश्वविद्यालय में 18 संकाय खोले गये हैं तथा दो सौ से अधिक पाठ्यक्रम बना लिये गये हैं। पिछले शैक्षणिक वर्ष में विश्वविद्यालय में 358 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। इस शैक्षणिक वर्ष के लिये 4002 विद्यार्थियों ने नामांकन कराया है। कार्यक्रम के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जे.एन. कंसोटिया और प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.एन. मिश्रा सहित विद्यार्थी उपस्थित थे।