भोपाल, अगस्त 2014/ प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण होने वाली सामग्री के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने एवं आवंटन के विलम्ब को रोकने के लिये खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने राज्य-स्तर से खाद्यान्न सामग्री का दुकानवार आवंटन की व्यवस्था प्रारंभ की है।
इस वर्ष जून माह से प्रारंभ की गई इस व्यवस्था में आमजन के अवलोकन के लिये आवंटन की जानकारी सामाजिक सुरक्षा मिशन के समग्र पोर्टल पर भी प्रदर्शित की जा रही है। प्रदेश का कोई भी व्यक्ति अपनी पात्रता, प्रदाय की जाने वाली सामग्री की मात्रा एवं मूल्य संबंधी जानकारी विभागीय वेबसाइट पर देख सकता है। वेबसाइट पर कौन-सा परिवार किस उचित मूल्य दुकान से जुड़ा है एवं उचित मूल्य दुकान पर पात्र परिवारों की संख्या कितनी है, इसकी जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। प्रदेश में लगभग 22 हजार उचित मूल्य दुकान से रियायती दर पर खाद्यान्न सामग्री के साथ केरोसिन का वितरण किया जा रहा है।
प्रदेश के वन अँचल में रहने वाले वनवासियों को उचित मूल्य पर खाद्यान्न सामग्री मिल सके, इसके लिये वनांचल की 248 दुकान का संचालन संयुक्त वन प्रबंधन समिति को सौंपा गया है।
प्रदेश में वर्ष 2003-04 में केवल 57 लाख 52 हजार परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर का वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा शक्कर लेबी नीति समाप्त किये जाने के फलस्वरूप राज्य सरकार द्वारा खुली निविदा पद्धति से शक्कर क्रय कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश के 1 करोड़ 10 लाख 38 हजार परिवार को प्रतिमाह एक किलो शक्कर प्रदाय की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा खुली निविदा पद्धति से पीडीएस द्वारा शक्कर वितरण पर प्रतिवर्ष 60 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है।