भोपाल, जुलाई  2014/ किसान-कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा मौसम विभाग से प्राप्त सूचना के आधार पर जबलपुर, होशंगाबाद तथा शहडोल संभाग में कई स्थानों पर भारी वर्षा की संभावनाएँ देखते हुए किसानों को खरीफ फसलों की पौध सुरक्षा के लिये जल निकास करने की सलाह दी गयी है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उड़ीसा से बना सिस्टम पूर्वी मध्यप्रदेश से पश्चिमी मध्यप्रदेश की ओर बढ़ रहा है। इससे प्रदेश के लगभग सभी जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है।

कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी स्थिति में किसानों को खेतों में पानी नहीं भरा रहने देना चाहिये। अन्यथा पौधों के पीला पड़कर सड़ जाने की आशंका रहती है। केवल धान के खेतों में जल भराव की स्थिति में विशेष अंतर नहीं पड़ेगा। किसान भाइयों से अपील की गई है कि वे मौसम की स्थिति को दृष्टिगत रखकर ही कृषि कार्य करें। बतर आने पर ही बोवाई का कार्य प्रारंभ करें। इसके साथ ही बोवाई के लिये प्रयोग में लाई जाने वाली आदान सामग्री-खाद, बीज, दवा आदि को सुरक्षित स्थान पर रखकर नमी से बचायें।

प्रदेश में वर्षा की स्थिति

प्रदेश में मानसून सक्रिय है। सर्वाधिक वर्षा अनूपपुर जिले में 103 सेन्टीमीटर रिकार्ड की गई है। वहीं बड़वानी, धार, इंदौर झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, नीमच, रतलाम और उज्जैन में वर्षा नहीं हुई।

जिन जिलों में 22 जुलाई को वर्षा हुई है उनमें अनूपपुर में 103 सेन्टीमीटर, बालाघाट में 71, छतरपुर 28, छिंदवाड़ा में 22, दमोह में 28, डिण्डोरी में 43, जबलपुर में 7, कटनी में 27, मंडला में 62, नरसिंहपुर में 48, पन्ना में 32, रीवा में 31, सागर में 33, सतना में 325, सिवनी में 73, शहडोल में 24, सीधी में 20, सिंगरौली 14, टीकमगढ़ में 51 और उमरिया में 29 सेन्टीमीटर वर्षा हुई है।

इसी प्रकार पश्चिमी मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में 15, बैतूल में 21, भिंड में 3, भोपाल में 8, बुरहानपुर में 11, दतिया में 28, देवास में 4, गुना में 12, ग्वालियर में 11, हरदा में 7, होशंगाबाद में 3, मंदसौर में 21, मुरैना में 7, रायसेन में 7, राजगढ़ में 9, सीहोर में 11, शाजापुर में 3, श्योपुर में 27, शिवपुरी में 7 और विदिशा में अभी तक 11 सेन्टीमीटर वर्षा हुई है।

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