भोपाल, जुलाई 2014/ नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रदेश में ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोतों के साथ-साथ अपारम्परिक स्त्रोतों से भी अधिक से अधिक ऊर्जा उत्पादन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस दिशा में रीवा में पहल की गई है। अपारम्परिक ऊर्जा के क्षेत्र में उत्पादन से रीवा को नई पहचान मिलेगी। श्री शुक्ल रीवा जिले के ग्राम अमहारा में लघु जल विद्युत की 3 इकाइयों की आधार-शिला रख रहे थे। कार्यक्रम में सांसद जनार्दन मिश्रा और विधायक सुखेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।

मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जल विद्युत उत्पादन के 60 छोटे-छोटे पावर प्लांट लगाये जायेंगे। इनमें 276 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। जल विद्युत के 11 पावर प्लांट रीवा जिले में लगेंगे। इनमें से 3 पावर प्लांट लगाये जाने की शुरूआत हो गई है। प्रदेश में ऊर्जा के अन्य विकल्प पवन ऊर्जा में 1100 मेगावाट विद्युत उत्पादन का कार्य प्रारंभ हो गया है। जिले की गुढ़ तहसील के पहाड़ी क्षेत्र में 700 मेगावाट विद्युत उत्पादन की परियोजना का कार्य हाथ में लिया जायेगा। ग्राम अमहारा में 40 करोड़ लागत की जल विद्युत परियोजना से 11.4 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होगा। बाणसागर परियोजना का पानी अदवा नाले से उत्तरप्रदेश को भेजा जा रहा है। उसी पानी का उपयोग विद्युत उत्पादन में होगा। मंत्री ने कम्पनी प्रबंधकों से कहा कि पावर प्लांट के पास उत्कृष्ट श्रेणी का रेस्ट हाउस बनाने के साथ इस अँचल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाये। लघु जल विद्युत परियोजना की तीनों ईकाइयाँ दो वर्ष में बनकर तैयार हो जायेंगी।

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