भोपाल, जुलाई 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य शासन आम लोगों को बेहतर राजस्व प्रशासन और सुविधाएँ देने के लिये प्रतिबद्ध है। राजस्व अधिकारी तहसील मुख्यालयों का प्रभावी प्रशासनिक प्रबंधन करें जिससे आम लोगों को बेहतर राजस्व सेवाएँ और सुविधाएँ मिल सके।
श्री चौहान मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर ‘राजस्व प्रशासन के जनोन्मुखीकरण” विषय पर कार्यशाला भी हुई। मुख्यमंत्री ने संघ के ज्ञापन और राजस्व अधिकारी संवर्ग संबंधी उठाये गये मुद्दों पर चर्चा के लिये प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव को संघ के साथ चर्चा करने और सरकार को सुझाव देने का निर्देश दिया। राजस्व अधिकारियों को प्रशासन की धुरी और राज्य सरकार का चेहरा बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि निचले स्तर पर राज्य सरकार के सभी महत्वपूर्ण कार्यों में राजस्व अमले का सराहनीय योगदान रहता है। उत्तराखंड त्रासदी में मध्यप्रदेश से भेजे गये राजस्व अधिकारियों के कार्यों और योगदान की सराहना करते हुए कहा कि राजस्व अधिकारी चुनौतीपूर्ण कार्यों को पूरी दक्षता और कौशल के साथ पूरा करते हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार 2700 करोड़ की राहत राशि वितरित की गई। राजस्व अमले की सहायता के बगैर यह संभव नहीं होता।
मुख्यमंत्री ने संघ से जटिल राजस्व नियमों को प्रशासनिक दृष्टि से सरल बनाने और उनमें वर्तमान परिस्थितियों के साथ उपयुक्त परिवर्तन करने के लिये सुझाव देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने संघ की स्मारिका और उत्तराखंड त्रासदी पर प्रदेश से गई राजस्व विभाग की टीम के अनुभवों पर आधारित किताब का विमोचन किया। इसे श्री संजीवन किशोर पांडे ने संकलित किया।