भोपाल, जुलाई, 2014/ मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा से केबिनेट सेक्रेट्री अजीत सेठ ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से मध्यप्रदेश में इस मानसून में कम वर्षा की स्थिति पर चर्चा की। केबिनेट सेक्रेट्री ने मध्यप्रदेश सहित गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश राज्य सरकार के मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों से भी चर्चा की।

मुख्य सचिव ने केबिनेट सेक्रेट्री को जानकारी दी कि प्रदेश में इस वर्ष सामान्य वर्षा से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है तथा 13 जिलों में सामान्य से 60 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस कारण खरीफ फसलों की बोवनी का प्रतिशत लगभग 22 प्रतिशत ही है। इस सप्ताह बोवनी के प्रतिशत में इजाफा होने की अत्यधिक संभावनाएँ हैं। हालांकि पेयजल की दृष्टि से कोई समस्या नहीं है। पशुचारे की भी विशेष समस्या नहीं है और जलाशयों के जल-स्तर पर निगाह रखते हुए पानी के संतुलित उपयोग पर ध्यान दिया जा रहा है। मानसून में कमी रह जाने की स्थिति में पूर्व में ही समस्त 51 जिलों के कन्टीन्जेंसी प्लान तैयार किए जा चुके हैं। कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के किसानों को कम वर्षा के दृष्टिगत एसएमएस के माध्यम से आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। केबिनेट सेक्रेट्री ने मध्यप्रदेश में किए जा रहे इन प्रयासों की प्रशंसा की। मुख्य सचिव के इस सुझाव को कि पुन: बुआई की स्थिति में 10 वर्ष से पूर्व रिलीज बीज वैरायटी पर भी भारत सरकार द्वारा देय सब्सिडी मान्य किए जाने को केबिनेट सेक्रेट्री द्वारा स्वीकृति दी गई।

मुख्य सचिव ने आग्रह किया कि गत वर्ष ज्यादा वर्षा के कारण हुई सोयाबीन फसलों की क्षति के कारण इस वर्ष सोयाबीन के बीज की आपूर्ति में समस्याएँ आ रही हैं इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में दी जाने वाली राशि की किश्त शीघ्र प्रदान की जाए। कृषि मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे समस्त मिशन की प्रथम किश्त तत्काल जारी हो।

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