भोपाल, जुलाई 2014/ विदेशों की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी बाँस की मदद से घर, होटल, व्यावसायिक भवनों का निर्माण होगा। ये भवन न केवल किफायती, मजबूत, मौसम अनुकूल (सर्दी में न ठंडे होंगे, न गर्मी में गर्म), भूकंप अवरोधी, वृक्षों को कटने से बचाने में सहायक होंगे, बल्कि बाँस उत्पादकों की भरपूर रोजगार भी उपलब्ध करवायेंगे। यह बात आज यहाँ मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन द्वारा आयोजित ‘ निर्माण कार्यों में बाँस का प्रयोग ” कार्यशाला में सामने आई। प्रमुख सचिव वन बसंत प्रसाद सिंह ने कार्यशाला का शुभारंभ किया, संभागायुक्त भोपाल एस.बी. सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यशाला में प्रदेश के प्रमुख बिल्डर, देश-विदेश के बाँस वास्तुविद और आई.आई.टी. दिल्ली के इंजीनियर ने भाग लिया।

श्री एस.बी.सिंह ने कहा कि बाँस निर्माण में कुशल और प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश की आई.टी.आई. में यह ट्रेड आरंभ करने के प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश के सभी जिलों में आई.टी.आई. उपलब्ध हैं। मिशन बाँस उत्पादों की ब्रिकी में सहायता करे। जहाँ बहुतायत से बाँस उपलब्ध है वहाँ से बाँस माँग वाले क्षेत्रों को उपलब्ध करवाकर संतुलन स्थापित करें।

राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक आर.एन. सक्सेना ने कहा कि बाँस के बराबर कोई दूसरी उपयोगी लकड़ी नहीं है। बाँस उत्पादन का सीधा लाभ स्थानीय समुदाय और गरीबों को मिलता है। मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन संचालक डॉ. ए.के. भट्टाचार्य ने स्लाइड शो के माध्यम से अमेरिका, जर्मनी, कोस्टारिका, चीन, जापान, थाईलेंड आदि देशों की अत्याधुनिक अत्याकर्षक भवन निर्माण की प्रस्तुति दी। इससे किसानों का बाँस उत्पादन और आर्थिक स्थिति दोनों में वृद्धि होगी। बाँस बड़ी तेजी से बढ़ने वाला पौधा है जो फौलाद से भी मजबूत होता है।

बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन गोयल और क्रेडाई के उपाध्यक्ष मनोज मीक ने बाँस के निर्माण कार्यों की शुरूआत संस्था के आगामी दिनों में आयोजित होने वाले मेले में 50 स्टाल और निर्माण कार्य के लिए श्रमिक कुटीर बनाकर करने का सुझाव दिया।

कार्यशाला को दिल्ली आई.आई.टी. के प्रतीक गुप्ता, संस्थापक निदेशक कोंकण बेम्बू एण्ड केन डेवलपमन्ट सेन्टर संजीव कारपे, परियोजना निदेशक (आई.एन.एच.ए.एफ.) सुश्री रिबेका रियूबेन्स, बम्बू सेन्टर फॉर एक्सीलेन्स की कोर्स डायरेक्टर सुश्री नीलम मंजूनाथ, वंडरग्रास नागपुर के वैभव काले, आई.पी.आर.टी. बैंगलुरू के जगदीश वेन्जेला, सी.ई.पी.टी. यूनिवर्सिटी अहमदाबाद के संकल्प और आर्टिसन अमेरिका के देव मुखर्जी ने भी संबोधित किया।

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