राज्य शासन ने 10 जुलाई के जारी आदेश में संशोधन कर वाहनों में लाल-पीली बत्ती उपयोगकर्ता के नये आदेश जारी किये हैं। मोटरयान नियम-1989 के नियम 108 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में पूर्व के आदेश को अधिक्रमित करते हुए नये आदेश जारी कर वाहनों पर लाल-पीली बत्ती का प्रयोग करने की अनुज्ञा प्रदान की गयी है।
यान के अग्रशीर्ष भाग पर जब यान प्रदेश में कहीं भी ड्यूटी पर हो लाल बत्ती का प्रयोग राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय, महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, मंत्रीगण, राज्य मंत्रीगण, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, नेता प्रतिपक्ष, लोकायुक्त, उप लोकायुक्त, अध्यक्ष राज्य मानव अधिकार आयोग, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को अपने वाहनों के अग्रशीर्ष भाग पर, जब वाहन प्रदेश में कहीं भी ड्यूटी पर हों। लाल बत्ती लगाने की पात्रता होगी।
यान के अग्रशीर्ष भाग पर उनके अधिकार क्षेत्र में जिन्हें पीली बत्ती लगाने की पात्रता होगी, वे हैं शासन द्वारा मंत्री/राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त गणमान्य, मुख्य सचिव के समकक्ष अधिकारी, मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक के समकक्ष अधिकारी, नगर निगमों के महापौर अपने अधिकार क्षेत्र में, संभागीय आयुक्त अपने संभागों में, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक अपनी रेंज में, कलेक्टर/अपर कलेक्टर अपने जिले में, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अपर जिला न्यायाधीश/मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी/समस्त न्यायिक अधिकारी अपने जिले में, पुलिस अधीक्षक/अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपने जिले, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/एस.डी.एम./एस.डी.ओ.पी./सी.एस.पी. (अपने अनुभाग में), कार्यपालिक दण्डाधिकारी (अपने कार्यक्षेत्र में) और राज्य शिष्टाचार अधिकारी।
रोगियों को जाने के लिए प्रयुक्त एम्बूलेंस में लगाई गई पर्पल ग्लास वाली ब्लिंकर किस्म की लाल लाइट, टॉप लाइट के रूप में फ्लैशर सहित या रहित नीली लाइट का उपयोग उन अति गणमान्य व्यक्तियों की एस्कार्टिंग करने वाले तक सीमित होगा जो लाल लाइट का उपयोग करने के हकदार हैं। उस दशा में जब यान गणमान्य व्यक्तियों को नहीं ले जा रहा हो यथास्थिति लाल, नीली या पीली लाइट का उपयोग नहीं किया जायेगा और उसे काले आवरण से ढँका जायेगा। पीली बत्ती की अनुज्ञा प्राप्त पदाधिकारियों को सक्षम प्राधिकारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्रों को मोटर यान की विंडस्क्रीन पर चस्पा कर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।