भोपाल, अगस्त 2013/ मध्यप्रदेश में एसिड की बिक्री से संबंधित वर्तमान नियमों और निर्देशों को और सख्त बनाते हुए दोषियों के विरूद्ध और कठोर कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही एसिड के हमलों से प्रभावित लोगों को तत्काल उपचार एवं अधिक आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी । एसिड की बिक्री अब बिना वैध लायसेंस के नहीं की जा सकेगी। उल्लंघन किए जाने पर सजा का प्रावधान भी अब प्रथम दोष सिद्धि पर 3 माह का कारावास होगा। मुख्य सचिव आर. परशुराम की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसिड अपराधों के संदर्भ में लिए गए 18 जुलाई 2013 के निर्णय के संदर्भ में आज बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने कहा कि एसिड अपराधों से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार की पूर्ण व्यवस्था शासन की ओर से की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग के रूप में कार्य करने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप आवश्यक सहायता देने के निर्देश दिए। ऐसे अपराधों में पीड़ित अथवा पीड़िता को 3 लाख की सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है। पन्द्रह दिवस की अवधि में 1 लाख रुपए की राशि और 2 माह में शेष राशि का भुगतान करना होगा। मुख्य सचिव ने एसिड अपराधों के दोषियों को दिए जाने वाले दंड के प्रावधानों के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। इसके साथ आम नागरिकों को इस तरह के अपराधों से बचाव की शिक्षा देने और लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए जरुरी प्रयास करने के भी निर्देश दिए।
खरीदार को देनी होगी फोटो आईडी
अनुविभागीय अधिकारी द्वारा एसिड की बिक्री का निरीक्षण किया जाएगा और स्टॉक रजिस्टर संधारित न किए जाने पर विक्रेता के विरुद्ध 50 हजार रुपए तक दंड किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश में प्रत्येक एसिड खरीददार को भी फोटो पहचान-पत्र देना होगा।