भोपाल, अक्टूबर  2014/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यहाँ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 के समापन समारोह में बताया कि इस समिट में 6 लाख 89 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव आये हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को देश की अर्थ-व्यवस्था का ड्राइविंग फोर्स बनाने के लिये हरसंभव प्रयास किये जायेंगे। अगली इन्वेस्टर्स समिट इंदौर में 19 से 21 अक्टूबर 2016 के बीच होगी। समारोह में उपस्थित केन्द्रीय मंत्रियों ने मध्यप्रदेश के लिये हजारों करोड़ रूपये की निवेश सौगातों की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के आधार पर रोडमेप बनाया जायेगा। प्रत्येक निवेशक के साथ एक अधिकारी को जोड़कर सिंगल डोर व्यवस्था से स्वीकृतियाँ दिलाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिये जरूरी पानी, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, भूमि, प्रतिभा और विश्वास है। इनके आधार पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मध्यप्रदेश में ‘ईज़ ऑफ बिजनेस डूईंग’ पर रिपोर्ट तैयार कर देश के सामने रखेंगे। उन्होंने उद्यमियों से आव्हान किया कि मध्यप्रदेश के विकास में भागीदार बनें, ‘मेक इन एमपी’ में शामिल हों और नये मध्यप्रदेश की रचना करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों के विश्वास को मध्यप्रदेश सरकार टूटने नहीं देगी। वे स्वयं हर सोमवार को निवेशकों से मुलाकात करेंगे। निवेशक अपने सुझाव आईडियास फॉर सीएम वेबसाइट पर भी दे सकते हैं। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं जिसमें मनुष्य सुखी, सफल और सार्थक जीवन जिये। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य होगा जिसमें रचनाधर्मिता, कला और संस्कृति का सम्मान होगा। नवाचारी प्रयोगों को प्रोत्साहन देने के लिये वेंचर केपिटल फंड बनाया जायेगा।

केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के औद्योगिक विकास का केन्द्र बिन्दु बनेगा। उन्होंने घोषणा की कि बीना रिफायनरी के क्षेत्र में केन्द्र सरकार एक लाख करोड़ की लागत से पेट्रो केमिकल पेट्रो इन्वेस्टमेंट रीजन बनायेगी। बीना के पास देश का पहला लेण्ड लॉक पेट्रो केमिकल काम्पलेक्स बनाया जायेगा। बीना रिफायनरी की क्षमता 6 मिलियन टन से बढ़ाकर 8 मिलियन टन तक की जायेगी। इसमें 25 हजार करोड़ रूपये का निवेश बीपीसीएल द्वारा किया जायेगा। बाद में इस क्षमता को 15 मिलियन टन तक बढ़ाया जायेगा। मध्यप्रदेश में गैस अथारिटी ऑफ इंडिया द्वारा 10 हजार करोड़ के निवेश से गैस िग्रड बनाया जायेगा। जबलपुर और शहडोल में 12 हजार करोड़ रूपये के निवेश से उर्वरक संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। मण्डीदीप में प्लास्टिक पार्क और ग्वालियर में पॉलीमर पार्क बनाया जायेगा। भोपाल में नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फार्मा एज्यूकेशन एण्ड रिसर्च द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा।

केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मध्यप्रदेश में समग्र और संतुलित विकास की कल्पना को मूर्तरूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रम सेल मध्यप्रदेश में 50 मिलियन टन आयरन खनिज का एसेस कर रहे हैं। इसके पॉयलट प्लांट में 1500 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। यदि 140 मिलियन टन तक आयरन खनिज एसेस होता है, तो 12 हजार करोड़ की लागत से स्टील प्लांट लगाया जायेगा। नालको बॉक्साइट रिजर्व क्षेत्र में एल्यूमीनियम रिफायनरी के लिये 6000 करोड़ का निवेश करेगा। सौर ऊर्जा के लिये एचसीएल 100 करोड़ तथा मेगनीज संयंत्र के लिये मॉइल 250 करोड़ रूपये का निवेश करेगा। इसी तरह एनएमडीसी टीकमगढ़ में हीरा उत्खनन के लिये 1000 करोड़ कानिवेश करेगा। एनएमडीसी अगले तीन साल के भीतर मध्यप्रदेश के जियो केमिकल और जियो माइनिंग सर्वे का काम पूरा करेगा। कोल ब्लॉक पर आधारित पावर प्लांट के लिये नालको 19 हजार करोड़ रूपये तथा एनएमडीसी 3000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावर चन्द्र गेहलोत ने कहा कि मध्यप्रदेश में 50 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय मानसिक चिकित्सा एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की जा रही है। नि:शक्तजन के लिये कम्पोजिट रीजनल सेंटर और सभी जिलों में नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। सभी संभागीय मुख्यालय पर एक-एक रीजनल सेंटर स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों के नेट प्राफिट में से दो प्रतिशत कार्पोरेट-सोशल रिस्पांसबिलिटी के लिये देने का प्रावधान है।

केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्र की 60 परियोजनाओं की पर्यावरण स्वीकृति पिछले 120 दिन में दी गई है। इनमें पॉवर, सिंचाई और माइनिंग से संबंधित विभिन्न परियोजनाएँ हैं। उनके विभाग द्वारा पर्यावरण से जुड़ी स्वीकृतियाँ देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके लिये ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था शुरू की गई है। पॉवर ट्रांसमिशन लाइन, सिंचाई पाइप लाइन, सड़क और रेलवे के लीनियर प्रोजेक्ट की स्वीकृति देने का भी विकेन्द्रीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि देश का विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों साथ-साथ होगा।

केन्द्रीय कोयला एवं नवीन और नवीनीकृत ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि मध्यप्रदेश का विकास मॉडल अन्य राज्य के लिये मिसाल है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी का सबसे ज्यादा केपिटल इंवेस्टमेंट मध्यप्रदेश में 75 हजार करोड़ रूपये का है। एनटीपीसी द्वारा गाडरवारा में 1320 मेगावॉट का पॉवर प्लांट बनाया जा रहा है। दो अन्य पॉवर प्लांट के लिये टेण्डर की प्रक्रिया शुरू की गई है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। स्वच्छ भारत अभियान में ऊर्जा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम मध्यप्रदेश में 125 करोड़ की लागत से 12 हजार 477 स्कूल में शौचालय बनवायेंगे। इसके अलावा कार्पोरेट-सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत 300 करोड़ रूपये और खर्च करेंगे।

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि दिल्ली, मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर मध्यप्रदेश में पीथमपुर-धार-महू क्षेत्र में सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल हब बनेगा। इसी परियोजना में उज्जैन के पास स्मार्ट इण्डस्ट्रियल सिटी विकसित होगी। मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन के लिये खाद्य प्र-संस्करण संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। इसके लिये केन्द्र, राज्य सरकार के साथ कार्य करेगा। मध्यप्रदेश में तेजी से फॉरेन इक्विटी फ्लो बढ़ रहा है।

समारोह में उपस्थित उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव बताये तथा मध्यप्रदेश में अपनी निवेश योजनाओं की जानकारी दी। जे पी ग्रुप के श्री जयप्रकाश गौर ने कहा कि उनका समूह मध्यप्रदेश में 35 हजार करोड़ रूपये का निवेश करेगा। जिसमें सीमेंट प्लांट, रीवा में स्मार्ट सिटी, टी वी चेनल तथा हिन्दी समाचार-पत्र शामिल है। उन्होंने कहा कि उनका समूह मध्यप्रदेश में बीते 40 वर्ष से कार्य कर रहा है।

एस्सेल ग्रुप के श्री सुभाष चन्द्रा ने बताया कि उनका समूह मध्यप्रदेश में 5000 करोड़ रूपये का निवेश कर चुका है तथा 50 हजार करोड़ रूपये का निवेश वे 6 परियोजना में करने वाले हैं। इसमें प्रदेश के पाँच शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने तथा हेल्थ और वेलनेस प्रोजेक्ट शामिल हैं।

स्पेन के राजदूत श्री गुस्ताव मेन्यूअल ने कहा कि निवेशक मध्यप्रदेश की सिंगल डोर पॉलिसी से प्रभावित हैं। उनके देश के बड़े उद्योग अधोसंरचना, परिवहन और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं।

स्वीडन के राजदूत श्री हेराल्ट सेंडबर्ग ने कहा कि आर्थिक विकास के क्षेत्र में स्वीडन की बड़ी कम्पनियाँ सेवा और निर्माण क्षेत्र में निवेश करने के लिये उत्साहित है। प्रसिद्ध फिल्म निदेशक श्री प्रकाश झा ने कहा कि मध्यप्रदेश देश की आत्मा है। मध्यप्रदेश अपने जैसा है और बहुत प्यार करता है। वे यहाँ इस वर्ष चार फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा ने समिट की समरी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि समिट के दौरान कुल 32 देश और 9 पार्टनर कंट्री सहित 28 राजदूत शामिल हुए। समिट के दौरान 38 सत्र में निवेशकों ने हिस्सा लिया। इनमें 150 से अधिक विषय-विशेषज्ञ ने प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम में पुस्तकों ‘इन्दौर एण्ड सराउन्डिंग’ और ‘रेसीडेंसी इंदौर’ का विमोचन किया गया। आरंभ में स्वागत भाषण सीआईआई के महानिदेशक श्री सी. बेनर्जी ने दिया।

समारोह में प्रदेश की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन, परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह और पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा सहित उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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