भोपाल, जुलाई 2013/ राज्य शासन द्वारा 45 प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष को विनष्ट होने से बचाने के लिए राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करने की अधिसूचना जारी की गई है। इस पर किसी को समस्या होने पर वह एक माह के अन्दर आपत्ति दर्ज करवा सकता है।
जिला विदिशा में वरेन्डा स्थित अंग्रेजों की कब्र, गुना में बजरंगढ़ स्थित राजमहल, कटनी में बिलहरी स्थित तपसी मठ के पास छत्री समूह क्रमांक 1, 2,3, नदी के रपटे के पास का मंदिर, छत्रियों के पास का मंदिर, स्कूल परिसर का मंदिर समूह, थाना परिसर का शिव मंदिर और भग्नावशेष, चिखला स्थित काम कंडला मंदिर, अशोकनगर जिले में स्थित बेहटी मठ, सागर छत्री, पुरानी कचहरी, नृसिंह मंदिर, भारत शाह की छत्री, देवी सिंह की छत्री, अनिरूद्ध सिंह की छत्री, दुर्जन सिंह की छत्री, हरकुण्ड की छत्री, पचमढ़ी बावड़ी मस्जिद, काले सैय्यद का मकबरा, सूफी संत का मकबरा, शेखों का मकबरा, दिल्ली दरवाजा, ढोलिया दरवाजा कोट शहरपना, खिलजी सराय दरवाजा, मदरसा दरवाजा, कुर्बानी चबूतरा, ऊँटसार, सुल्तानिया मस्जिद, झलारे के मझार 1 एवं 2, गोल बावड़ी मस्जिद, हंसों की छत्री, सूफी दरवाजा, छत्री हौजखास, मूसा बावड़ी, चकले की खिड़की, काजी बावड़ी, आलिया मस्जिद, सूफी मकबरा खानकाह, आलिया बावड़ी, छतरपुर स्थित पुरातत्व स्मारक सूर्य मंदिर एवं दतिया जिला स्थित बावड़ी देवस्थान, प्राचीन बावड़ी और बेटी कुंजा देवी मंदिर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करने की अधिसूचना जारी की गई है।