भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश में समय-सीमा में लोक सेवाओं की गारंटी देने वाले अपने ढंग से अनोखे कानून के लागू होने के बाद से अब तक करीब पौने तीन करोड़ नागरिक सेवाएँ प्राप्त कर चुके हैं। इनमें से एक करोड़ 39 लाख से अधिक सेवा प्रदाय आवेदनों का निराकरण ऑनलाइन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर देश का पहला मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम लागू किया गया है। कानून का उद्देश्य जनसाधारण के दैनंदिन कार्यों की पूर्ति के प्रति लोक सेवकों को सतर्क रखने और अपने उत्तरदायित्व के प्रभावी रूप से निर्वहन के प्रति जिम्मेदार बनाना है। अधिनियम के लागू होने के बाद नागरिकों को लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी मिली है। लोक सेवा प्रदान करने में कोताही बरतने वाले लोक सेवकों पर 250 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक के अर्थदण्ड का प्रावधान भी है।
अधिनियम के दायरे में अब तक 21 विभाग की 102 सेवाएँ अधिसूचित की जा चुकी हैं। इनमें से 16 विभाग की 47 सेवा के आवेदन ऑनलाइन प्राप्त करने एवं उसके बाद वांछित सेवा भी ऑनलाइन प्रदान करने की सुविधा दी गई है। सेवा प्रदाय के लिये विकास खण्ड स्तर तक 335 लोक सेवा केन्द्रों की जन-निजी भागीदारी के आधार पर स्थापना की जा चुकी है। इस वर्ष 15 और नई सेवाओं को लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान करने की कार्यवाही प्रचालित है। साथ ही नई सेवाओं को भी अधिसूचित करने की कार्यवाही की जा रही है।
सेवाओं के प्रदान की प्रक्रिया को सरल बनाकर 21 विभाग की 102 सेवा के परिपत्र तैयार कर संबंधित विभागों को जारी करने के लिए दिये जा चुके हैं। ऑनलाइन सेवा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 12000 से भी अधिक अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर बनवाये गये हैं। कई सेवाओं के ऑनलाइन डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट प्रदान किये जा रहे हैं।
विश्व बेंक द्वारा 300 करोड़ रुपये मंजूर
विश्व बेंक द्वारा हाल ही में प्रदेश में लोक सेवा प्रदाय की व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण एवं लोक व्यापीकरण के लिये 300 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। विश्व बैंक द्वारा लोक सेवा पोर्टल की तकनीकी सहायता के लिये भी पौने 2 करोड़ की राशि दी गई है।
यू.एन.ओ. सहित मिले अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार
उल्लेखनीय है कि लोक सेवाओं के प्रदान करने की प्रभावी व्यवस्था कायम करने के लिये मध्यप्रदेश को संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रतिष्ठित ‘इम्प्रूविंग द डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विसेज’ श्रेणी का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार स्कॉच अवार्ड तथा इस वर्ष ई-गवर्नेंस उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। सुशासन की दिशा में राज्य सरकार के इस प्रयास को व्यापक सराहना मिली है। बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और झारखण्ड आदि राज्य ने भी इस कानून का अनुसरण किया है।
राज्य लोक सेवा अभिकरण का गठन
अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिये राज्य शासन द्वारा लोक सेवा प्रबंधन विभाग के अधीन राज्य लोक सेवा अभिकरण का गठन किया गया है। प्रदेश में स्थापित 335 लोक सेवा केन्द्र का संचालन सफलता से किया जा रहा है। इनके स्थायी भवन निर्माण का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है। लोक सेवा केन्द्रों को स्वान कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाने एवं राजस्व कार्यालयों में कम्प्यूटर मुहैया करवाने का काम भी हो रहा है।
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन भवन का लोकार्पण
प्रदेश में इस वर्ष भी 25 सितम्बर को ‘लोक सेवा दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 25 सितम्बर को शाम 5.30 बजे भोपाल में भदभदा चौराहा के पास स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (स्कूल ऑफ गुड गवर्नेंस) के नवनिर्मित सुशासन भवन का लोकार्पण करेंगे। इस मौके पर लोक सेवा पुरस्कार भी वितरित किये जायेंगे। समारोह की अध्यक्षता लोक सेवा प्रबंधन एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह करेंगे। मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा विशिष्ट अतिथि रहेंगे। भवन परिसर 8 एकड़ भूमि पर फैला है। निर्माण पर प्रथम चरण में 11 करोड़ 11 लाख की लागत आई है। द्वितीय चरण में 9 करोड़ 65 लाख की लागत से निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।