भोपाल, जुलाई 2014/ प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों के सभी रिक्त पद को 2 वर्ष में भर दिया जायेगा। इसकी प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। सहायक प्राध्यापकों के रिक्त 1646 पद पर भर्ती के लिये मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया जा चुका है। इन पदों पर भर्ती के लिये अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष के मान से 4 अंक एवं अधिकतम 20 अंक का अधिभार दिया जायेगा।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहायक प्राध्यापकों के अतिरिक्त अन्य रिक्त पदों की भर्ती के लिये भी कार्यवाही की जा रही है। उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) 19.07 प्रतिशत तक पहुँच चुका है। यह राष्ट्रीय अनुपात के बराबर है। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिये राज्य-स्तरीय व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ का गठित गया है। सभी जिलों एवं संभाग-स्तर पर प्रकोष्ठ के समन्वयक नियुक्त किये जा चुके हैं।

प्राचार्यों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की प्रतिभा को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने के लिये लक्ष्मण सिंह गौड़ पुरस्कार अब राज्य स्तर के साथ संभाग-स्तर पर भी दिये जायेंगे।

उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं अधोसंरचना विकास के लिये विश्व बैंक से 2500 करोड़ रुपये का सॉफ्ट लोन आगामी 5 वर्ष में मिलेगा। इस राशि से विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अधोसंरचना विकास एवं शैक्षणिक परिसर के पर्यावरण सुधार का कार्य करवाया जायेगा। महाविद्यालयों में शैक्षणिक अधोसंरचना के विकास के लिये राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) में 39 जिले के महाविद्यालयों में विकास कार्य करवाने का निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है।

इस वित्तीय वर्ष में सभी शासकीय महाविद्यालय में इंटरनेट एवं वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करवा दी जायेगी। इसके लिये प्रक्रिया प्रचलन में है। सभी जिलों में मॉडल कॉलेज और संभाग-स्तर पर कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिये उत्कृष्टता महाविद्यालय स्थापित किये जायेंगे। प्रत्येक विश्वविद्यालय में दो-दो विभाग को उत्कृष्ट बनाने की योजना है। विश्वविद्यालयों को धनराशि आवंटन के मानदण्ड निर्धारण के लिये समिति का गठन किया गया है। शिक्षकों के प्रशिक्षण की वृहद कार्य-योजना तैयार की गई है। प्रदेश के 100 महाविद्यालय में वर्चुअल कक्षाएँ शुरू की जायेंगी। इस सत्र में 15 महाविद्यालय में ई-लायब्रेरी तथा 22 महाविद्यालय में आदर्श प्रयोगशाला बनाई जायेंगी। पिछले सत्र में 15 महाविद्यालय में ई-लायब्रेरी एवं 28 महाविद्यालय में आदर्श प्रयोगशाला की स्थापना की जा चुकी है।

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से साझेदारी के लिये प्रदेश के 12 महाविद्यालय चुने गये हैं। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य के लिये उच्च शिक्षा विभाग को स्कॉच अवार्ड सहित अन्य पुरस्कार मिले हैं।

वित्तीय वर्ष 2010-11 में 18, वर्ष 2011-12 में 5, वर्ष 2012-13 में 9 और वर्ष 2013-14 में 33 नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्थापना की गई। इससे सुदूर अंचल में रहने वाले विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हुई है।

मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 में संशोधन किया गया है। इससे विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के स्थानांतरण के साथ ही उनकी नियुक्तियाँ भी समय पर की जा सकेंगी। इसके साथ ही अन्य संवर्ग के रिक्त पदों पर भी भर्ती की जा सकेगी। यह प्रक्रिया विशेष परिस्थितियों पर ही अपनाई जायेगी।

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