भोपाल, जून 2013/ मध्यप्रदेश में खेत का पानी खेत में और गाँव का पानी गाँव में रोकने की अवधारणा को एकीकृत जल-ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के जरिये सफलता से अमल में लाया जा रहा है। इस महती कार्यक्रम में प्रदेश में 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उपचार के लिये परियोजनाएँ संचालित हो रही हैं।
इस कार्यक्रम में अब तक 3,688 आस्था-मूलक कार्य और 3,653 जल-संरचना का निर्माण पूरा किया जा चुका है। परियोजना क्षेत्रों में जल-ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के माध्यम से 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा सृजित हुई है। इस कार्यक्रम के जरिये प्रदेश में सतही जल-संरक्षण और भू-जल संवर्धन द्वारा गाँव में विभिन्न प्रयोजन के लिये पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इससे जहाँ सूखे की विपरीत परिस्थितियों से निपटने की क्षमता विकसित हो रही है, वहीं पड़त भूमि का विकास कर उसे फसल उत्पादन के लिये उपयोगी बनाने की दिशा में सफल प्रयास हो रहे हैं। वर्षा आधारित क्षेत्रों में जल-ग्रहण क्षेत्र विकास के लिये इस कार्यक्रम के जरिये 12 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से परियोजना राशि उपलब्ध करवाई जारही है।