भोपाल, अगस्त 2015/ मध्यप्रदेश में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से ग्राम सभाओं का चरणबद्ध तिथियों में आयोजन होगा। सभाओं के आयोजन की सूचना ग्राम पंचायत कार्यालय के सूचना पटल के साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भी प्रदर्शित की जायेगी। ग्राम सभाओं में इस बार पचास से अधिक महत्वपूर्ण विषय पर बिन्दुवार चर्चा होगी और सामूहिक रूप से निर्णय होगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने निर्देश दिये हैं कि सभी ग्राम सभा की कार्यवाही की वीडियोग्राफी आवश्यक रूप से की जाये। पंच पति तथा संरपच पति प्रथा को समाप्त करने के निर्णय का पालन करते हुए ग्राम सभा की बैठक में सिर्फ निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि ही भाग लेंगें।
ग्राम सभा की बैठकों में शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सूचना पटल पर प्रदर्शित की जायेगी। ग्राम सभा की स्थाई समितियों के गठन, ग्राम सभा में नगद कोष बनाने और इसके संचालन की प्रक्रिया तय करने के बारे में भी चर्चा होगी। सभाओं में पंचायत क्षेत्र के पात्र हितग्राहियों की सूची का वाचन और अनुमोदन भी किया जायेगा। पंचायतों में करारोपण के माध्यम से आय के स्त्रोतों में वृद्धि पर भी विचार होगा। ग्राम पंचायत क्षेत्र में संचालित विभिन्न विकास कार्य, स्वच्छ भारत अभियान, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र कार्यक्रम, मनरेगा के क्रियान्वयन और लंबित मजदूरी के भुगतान तथा पंचायतों में एक खाता व्यवस्था को सुनिश्चित किये जाने पर चर्चा होगी। वृक्षारोपण तथा हरियाली चुनरी अभियान में पौध रोपण भी होगा। कृषि और वन महोत्सव में हुए निर्णयों के अनुरूप कार्यक्रमों का अनुश्रवण होगा।
ग्राम सभाओं में पंचायत क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त करने के संबध में भी सामूहिक संकल्प लिया जायेगा। स्कूलों में शिक्षा के स्तर तथा शैक्षणिक केलेण्डर अनुसार निर्धारित पाठ्यक्रम का अध्ययन होने पर चर्चा होगी। शालाओं में 6 से 14 वर्ष आयु के शत्-प्रतिशत बच्चों को दाखिला दिलाने और नियमित रूप से बच्चे स्कूल जाये इस बारे में बातचीत होगी। बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिये अति कम वजन होने वाले बच्चों के कुपोषण स्तर में सुधार के लिये ग्राम स्तर पर आयोजित होने वाले स्नेह शिविरों की जानकारी दी जायेगी। अति कम वजन वाले बच्चों की जानकारी के साथ ही उनके पोषण स्तर में सुधार के लिये समुदाय को निगरानी के लिये प्रेरित किया जाएगा। ऐसे बच्चों के परिवारों को शासकीय योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से दिलाने पर भी चर्चा होगी। गर्भवती माताओं और शिशुओं के टीकाकरण, पूरक पोषण आहार एवं दवाओं की उपलब्धता और उनके खान-पान में सुधार के बारे में बताया जायेगा। महिला उत्पीड़न से संबधित मुद्दों पर भी जागरूकता लाई जायेगी।