भोपाल, अप्रैल 2015/ प्रदेश के सभी 51 जिले में 13 अप्रैल से लार्वा सर्वे अभियान चलेगा। इस दौरान लार्वा ढूंढकर नष्ट करने की कार्यवाही कर मच्छरों को फैलने से रोका जायेगा ताकि डेंगू, मलेरिया को नियंत्रित रखा जा सके। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा स्थानीय निकायों के समन्वय से यह कार्यवाही होगी।
हाल ही में मुस्तैदी से की गई कार्यवाही के चलते प्रदेश में स्वाईन फ्लू जैसे संक्रमण को विकराल होने से रोका जा सका। अब डेंगू तथा मलेरिया को प्रदेश में नियंत्रित करने के लिए शासन सतर्क है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग प्रवीर कृष्ण ने बताया कि प्रदेश के सभी 51 जिले में लार्वा रोधी सर्वे कार्य 13 अप्रैल से आरंभ हो रहा है। इसके लिए दल गठित किए जा चुके हैं। राजधानी में एक माह की अवधि में अब तक 20,504 घर में लार्वा सर्वे का कार्य किया जा चुका है। कुल 270 घर में लार्वा पाया गया जिसे दल ने तत्काल नष्ट करने की कार्यवाही की। भोपाल में एक दिन में कुल 23 घर में लार्वा पाया गया। यह इस बात का संकेत है कि यदि तत्परता से सर्वे कार्य नहीं होता तो क्षेत्र में डेंगू एवं मलेरिया के प्रकरणों के बढ़ने की आशंका होती।
नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश में आम नागरिकों को जनहित में लार्वो सर्वे कार्य में शासकीय अमले को पूरा सहयोग प्रदान करना है। यदि किसी व्यक्ति के घर में भंडारित पानी, कूलर, टायर, गमले अथवा अन्य किसी वस्तु में एकत्र जल में लार्वा पाया जाता है तो इसे अमले के समक्ष स्वयं लार्वा नष्ट करना होगा। ऐसा न करने पर शासन के नियमानुसार वह व्यक्ति जुर्माने का पात्र होगा। प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने समस्त कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे लार्वा नष्ट न करने वालों के विरुद्ध स्थानीय निकायों के माध्यम से अर्थदण्ड की कार्यवाही सुनिश्चित करें।