भोपाल, दिसंबर 2012/राज्यपाल राम नरेश यादव ने आज यहाँ पीपुल्स यूनिवर्सिटी के आडीटोरियम में इंडियन डेवलपमेंट एण्ड एजूकेशनल एसोशिएटस द्वारा आयोजित उर्दू विरासत कारवां परिसंवाद को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिन्दुस्तानी तहजीब की हिफाजत के लिए हमको उर्दू को दिल से अपनाना होगा। उर्दू और हिन्दी भाषा सगी बहनें हैं। उर्दू भाषा को किसी सम्प्रदाय से जोड़ना नाइंसाफी है। श्री यादव ने भारत की उर्दू पत्रकारिता को रेखांकित करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में जान फूँकने और अवाम को जगाने का जो काम उर्दू पत्रकारों ने किया वह हमारे इतिहास का अभिन्न अंग है। आजादी की लड़ाई में उर्दू भाषा का जो किरदार रहा, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्री यादव ने कहा कि इंकलाब जिंदाबाद‘ जैसे उर्दू भाषा के नारे ने जन-जन में आजादी की सोच पैदा की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद एक नये भारत के निर्माण और विकास में उर्दू के अखबारों ने अपना भरपूर रोल अदा किया है।

कारवां के सूत्रधार प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष डा. मार्कण्डेय काटजू के कहा कि आज के उर्दू समाचार पत्रों पर यह गहन जिम्मेदारी है कि वे अपने अखबार के माध्यम से सीखने के इच्छुक लोगों को उर्दू भाषा की शिक्षा देने की पहल करें। उन्होंने कहा कि दिल की भावनाओं को व्यक्त करने में उर्दू भाषा सबसे सशक्त माध्यम है।

सुप्रसिद्ध शायर श्री वसीम बरेलवी ने उर्दू को किसी धर्म विशेष से जोड़ने को सांस्कृतिक भ्रष्टाचार बताया। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का अर्थ ही सेक्यूलर है। उर्दू हिन्दुस्तान की सामूहिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत है। मुम्बई के उर्दू दैनिक इंकलाब के सम्पादक श्री शाहिद लतीफ ने कहा कि सियासत अंग्रेजी थोपने के लिए उर्दू भाषा को हाशिये पर लाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उर्दू हिन्दुस्तान की जुबान है और देश की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतिनिधित्व करती है।

आल इंडिया उर्दू एडिटर्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष श्री मीम अफजल ने कहा कि उर्दू जुबान को रोजी-रोटी से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि जब देश की युवा पीढ़ी और अन्य भारतीय भाषाएँ उर्दू के पक्ष में खड़ी होंगे तब उर्दू को अपने हक का दर्जा मिलेगा।

इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों को कारवां की ओर से स्मृति-चिन्ह भेंट किये गये। पीपुल्स ग्रुप की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैप्टन रुचि विजयवर्गीय ने आभार प्रदर्शन किया। ग्रुप की संचालिका मेघा विजयवर्गीय ने राज्यपाल को शाल, श्रीफल और ग्रुप की ओर से स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

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