भोपाल, दिसम्बर 2015/ राज्यपाल राम नरेश यादव ने कहा है कि राष्ट्रभाषा हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाना ऐतिहासिक कदम है। इससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र के विद्यार्थियों की लम्बे समय से की जा रही मांग की पूर्ति हो सकेगी। राज्यपाल आज अटलबिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा ‘हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा जैसे पाठ्यक्रम हिन्दी में उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र के विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम उपलब्ध होने से ग्रामीण विद्यार्थियों के डाक्टर बनने का सपना साकार हो सकेगा और राष्ट्रभाषा हिन्दी का उत्थान होगा।

मुख्य वक्ता डॉ. यतीश अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी में चिकित्सा पाठ्यक्रम तैयार करवाना बहुत बड़ी चुनौती है, परन्तु संकल्प और वचनबद्धता के साथ इस कर्त्तव्य को किया जाए तो जनहित से प्रेरित इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त किया जा सकेगा। डा. अग्रवाल ने कहा कि करोड़ों देशवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अंग्रेजी के साथ हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाना आवश्यक है।

राज्यपाल ने डा. विपिन चतुर्वेदी द्वारा चिकित्सा शिक्षा पर हिन्दी में प्रकाशित पांडुलिपि का विमोचन भी किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा ने स्वागत भाषण दिया।

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