भोपाल, सितम्बर 2014/ राज्य शासन ने हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम के अंतर्गत अनेक निर्णय लिये हैं। राजपत्र में प्रकाशित इन निर्णयों के अनुसार सभी नगरीय निकाय में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से खतरनाक तरीके से सेप्टिक टेंक और नालों की सफाई के काम में व्यक्तियों को नियोजित करने अथवा काम में लगाना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
एक अन्य अधिसूचना के अनुसार समस्त नगर पालिकाओं तथा नगरपालिक निगमों को उनके अधिकार क्षेत्र में खुले में शौच की प्रथा को दूर करने के लिये 6 दिसम्बर, 2015 तक पर्याप्त संख्या में सामुदायिक स्वच्छ शौचालयों का निर्माण करने के लिये सशक्त (इम्पावर्ड) किया गया है।
इसी तरह राज्य शासन ने स्थानीय प्राधिकारियों और जिला दण्डाधिकारियों को अधिनियम के उपबंधों के समुचित क्रियान्वयन और समय-सीमा में कार्यवाही की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।
इसके अलावा राज्य शासन द्वारा नगरपालिक निगमों, नगरपालिका और नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारियों को नगरीय निकाय के क्षेत्र में और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को उनकी अधिकारिता के क्षेत्र में अधिनियम के प्रयोजन के लिये निरीक्षक नियुक्त किया गया है।