भोपाल, फरवरी 2015/ मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा ने मंत्रालय में ‘परख ‘ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रदेश की सभी शालाओं में 30 जून तक शौचालय निर्माण का कार्य अनिवार्य रूप से पूरा करने के निर्देश प्रदेश के सभी कमिश्नर्स एवं कलेक्टर्स को दिए। उन्होंने शालाओं में निर्मित शौचालयों की सफाई की व्यवस्था स्थानीय समितियों को दिए जाने के लिये भी कहा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अटल आश्रय योजना, जिलों में बंदोबस्त के भू-अभिलेख का डिजिटाइजेशन, बंधक श्रमिकों के पुनर्वास एवं फसल कटाई में वैज्ञानिक प्रयोगों को गंभीरतापूर्वक तरीके से किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान में शैक्षणिक सत्र एक जुलाई से प्रारंभ होने के पहले प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में शौचालय का निर्माण किए जाने का आश्वासन राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को दिया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए कार्य को प्राथमिकता से किए जाने की जरूरत है। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शेष रही शालाओं में शौचालय निर्माण की स्वीकृति 28 फरवरी तक देने के निर्देश कलेक्टर्स को दिए गए।
बताया गया कि प्रदेश में एक लाख 21 हजार 693 सरकारी स्कूल हैं। 15 अगस्त 2014 की स्थिति में 25 हजार 817 नवीन शौचालय का निर्माण एवं 23 हजार 359 अक्रियाशील शौचालय का पुनर्निर्माण एवं जीर्णोद्धार किया जाना है। इस कार्य के लिए सांसद निधि से डेढ़ करोड़ रुपए एवं विधायक निधि से 30 लाख रुपए की राशि प्राप्त करने की आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया। मुख्य सचिव ने कहा कि फसल उत्पादन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने कृषि उपज मण्डी के साथ-साथ अन्य स्त्रोतों से भी आँकड़े एकत्र किए जाएँ। भू- अभिलेख के डिजिटाइजेशन की चर्चा में बताया गया कि जिन जिलों में तहसील स्तर पर अब तक कार्यालय उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं उनमें यह कार्यवाही माह फरवरी के अंत तक पूरी की जाए। खसरा-खतौनी में डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा उपलब्ध करवाने के संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख ने जानकारी दी।
मुख्य सचिव द्वारा अटल आश्रय योजना में प्रत्येक जिले में भूमि आरक्षित करने की कार्यवाही तत्काल किए जाने के निर्देश कलेक्टर्स को दिए गए। बताया गया कि प्रदेश में निर्धन वर्ग के लिए पाँच लाख आवास बनाए जाना हैं। कमिश्नर एवं कलेक्टर से इसके लिए 15 मार्च तक जमीन आरक्षित किए जाने के लिए कहा गया। जिलों में जन-शिकायत निवारण में लंबित प्रकरण पर भी चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने इसकी नियमित समीक्षा करने के लिए कहा।
बंधक श्रमिकों के पुनर्वास के संबंध में जिलों में की जा रही कार्यवाही की जानकारी भी प्राप्त की गई। कलेक्टर्स से समग्र पोर्टल का नियमित अपग्रेडेशन करने एवं डुप्लीकेशन को हटाने के लिए कहा गया। विभिन्न योजनाओं में पेंशन वितरण की स्थिति की जानकारी भी ली गई ।