भोपाल, नवम्बर 2014/ प्रदेश के सभी शासकीय प्रायमरी और मिडिल स्कूल में आगामी 15 दिसम्बर को एक साथ प्रतिभा-पर्व मनाया जायेगा। प्रतिभा-पर्व में स्कूल की संचालन व्यवस्था की स्थिति और बच्चों की शैक्षिक उपलब्धियों का जायजा लिया जायेगा। आयोजन में शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों, पंच-सरपंच और पालक/जन-प्रतिनिधि आदि की सहभागिता रहेगी। राज्य शासन ने प्रतिभा-पर्व के आयोजन के संबंध में सभी जिला कलेक्टर को निर्देश जारी किये हैं।
शासन ने प्रतिभा-पर्व में मूल्यांकन बिन्दु का निर्धारण करते हुए जिलों में आयोजन को पारदर्शी तरीके से करने को कहा है। इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास / जिला संयोजक आदिम-जाति कल्याण, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डाइट, जिला परियोजना समन्वयक, सहायक जिला परियोजना समन्वयक आदि को शामिल करने के निर्देश दिये गये हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि विभागीय अधिकारियों के साथ अन्य विभाग के अधिकारियों को भी प्रतिभा-पर्व के दौरान शालाओं में मॉनीटरिंग के लिए भेजा जाये।
जिलों को शाला त्यागी बच्चों के संबंध में व्यापक रणनीति बनाकर कार्य करने को कहा गया है। बच्चों द्वारा शाला को छोड़ने का कारण और उसके निवारण के लिए कारगर प्रयास करने को कहा गया है। शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण तथा उसके निराकरण के प्रयास करने के निर्देश भी दिये गये हैं। शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विशेष रणनीति के तहत ध्यान देने तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करने को कहा गया है।
शासन ने शैक्षिक गुणवत्ता के लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधक प्रमुख समस्याओं और उनके निराकरण के लिए विकासखंड एवं जिला स्तर पर कार्य-योजना तैयार कर कारगर कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। जिला स्तर पर तैयार कार्य-योजना का विश्लेषणात्मक प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप में राज्य शिक्षा केन्द्र को ई-मेल[email protected] पर उपलब्ध करवाने को कहा गया है।