भोपाल, अक्टूबर 2014/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 18 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देना पीड़ित मानवता की सबसे बड़ी सेवा होगी। स्वास्थ्य विभाग के अमले पर यह गुरूतर जवाबदारी है। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं हो। श्री चौहान आज यहाँ स्वास्थ्य सेवा गारंटी योजना और शिशुओं के लिए पेंटावेलेंट वेक्सीन टीकाकरण शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में बताया गया कि अत्याधुनिक वेक्सीन पेंटावेलेंट का टीकाकरण देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश से शुरू हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देने का संकल्प लेकर सेवा का नया इतिहास रचा है। इसकी अनुगूँज पूरे देश में होगी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। रोगों की रोकथाम के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इस दिशा में पेंटावलेंट वेक्सीन सुखद पहल है। तीन टीके कई बीमारियों से बचाव करेंगे। आम नागरिक को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलें इसके निरंतर प्रयास हो रहे हैं। नि:शुल्क भोजन, दवाएँ, जाँचें, आकस्मिक चिकित्सा और परिवहन की सेवाएँ दी जा रही हैं। इन प्रयासों के साथ ही चिकित्सक के व्यवहार का भी बहुत महत्व है। उन्होंने विभिन्न प्रसंग का स्मरण करते हुए कहा कि प्रमाणित और निष्ठा से सेवा करने वाले चिकित्सक का दर्जा भगवान के समान होता है। आवश्यकता संवेदनशील व्यवहार और धैर्य की है।
स्वास्थ्य सेवाओं के गारंटी के अधिकार-पत्र के विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा ‘मैं विमोचन नहीं करूँगा’ कहने पर एक पल के लिए आडॉटोरियम में सन्नाटा छा गया। फिर मुख्यमंत्री द्वारा यह कहे जाने पर कि यह इतनी बड़ी जिम्मेदारी कोई एक या दो व्यक्ति नहीं ले सकते। सबको संकल्प लेना होगा कि नागरिक स्वास्थ्य सेवा अधिकार-पत्र का पालन करेंगे। सभागार में उपस्थित स्वास्थ्य अमले द्वारा समवेत स्वर में संकल्प लेने के बाद ही मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकार-पत्र का विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर पेंटावेलेंट वेक्सीन और विभिन्न रोग की जाँचों और औषधियों की मार्गदर्शिका का लोकार्पण भी किया।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएँ जो सबसे पीछे और दूर हैं उन तक प्रभावी ढंग से पहुँचे यह जरूरी है। इसके लिए मुख्यालय से ग्रामीण स्तर तक की इकाइयों को समर्पण के साथ कार्य करना होगा तभी विकेन्द्रीकृत स्वास्थ्य सेवाओं का संकल्प पूरा होगा। श्री चौहान ने कहा कि स्वस्थ भारत अभियान के कई आयाम हैं। स्वच्छता इसका महत्वपूर्ण पहलू है। स्वच्छता की महत्ता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने चिकित्सालयों की सफाई के लिए सप्ताह में एक घंटा देने का आव्हान समुदाय से किया।
परिवार-कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं में देश का अव्वल राज्य बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। नागरिकों को 18 स्वास्थ्य सेवाएँ देने का पक्का वादा है। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की प्रधानमंत्री ने भी सराहना की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के चिकित्सालयों में प्रतिदिन 25 हजार रोगी को नि:शुल्क नाश्ता, भोजन मिल रहा है। पचास हजार से अधिक लोगों की 75 तरह की जाँच नि:शुल्क हो रही हैं। साढ़े चार लाख से अधिक रोगियों को नि:शुल्क औषधि का वितरण किया जा रहा है।
स्वागत उदबोधन प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने और आभार ज्ञापन सचिव श्रीमती सूरज डामोर ने किया। कार्यक्रम में सांसद श्री आलोक संजर सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य अधिकारी, चिकित्सक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने भेजा संदेश
शुभारंभ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य सरकार को भेजे गये संदेश का मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वाचन किया। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि मुझे प्रसन्नता है कि मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण एवं भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सेवा गारंटी योजना प्रारंभ करने जा रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत रोगों के नियंत्रण और रोकथाम पर बल दिया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि यह योजना प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए और विशेषकर गरीब और ग्रामीण जनता के लिए अत्यंत लाभकारी होगी। आपको एवं राज्य की जनता को इस अवसर पर शुभकामनाएँ और बधाई।