भोपाल, फरवरी 2015/ देश के 22 राज्य में स्वाईन फ्लू का प्रकोप है। यह पिछले वर्ष से लगभग 3 गुना अधिक तेजी से दिख रहा है। राजस्थान में 2167, महाराष्ट्र में 415, तेलंगाना में 1043, पंजाब में 68, गुजरात में 1552 और मध्यप्रदेश में 298 रोगी की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। इन राज्यों में क्रमश: 152, 58, 46, 25, 136, और 76 रोगी की असमय मृत्यु हुई है।
मध्यप्रदेश में गत डेढ़ माह में कुल 847 मरीज का परीक्षण किया गया जिनमें से 298 स्वाईन फ्लू के पॉजिटिव प्रकरण पाये गये। स्वाईन फ्लू के 320 प्रकरण नेगेटिव रहे जिसमें 116 मरीजों को उपचार के बाद स्वस्थ कर अस्पताल से छुट्टी दी गई है। स्वाईन फ्लू के गहन उपचार के बावजूद 76 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।
प्रदेश में रोग पर बेहतर ढंग से नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य समन्वय समिति भी गठित की गई है। मुख्यमंत्री के प्रयास से भारत सरकार से 1 लाख 12 हजार टेमीफ्लू प्रदेश सरकार को प्राप्त हो गई है। प्रदेश में स्वाईन फ्लू के 4 हजार मरीज को 86 हजार टेमीफ्लू टेबलेट वितरित की गई हैं। वितरित टेबलेट तीन सप्ताह के लिए मरीजों के लिए पर्याप्त हैं। शेष बची हुई दवा 26 हजार मरीज के लिए पर्याप्त है। आगामी आवश्यकता के लिए एक लाख टेमीफ्लू टेबलेट के लिए भारत सरकार से आग्रह किया गया है।
प्रदेश में इलाज के लिए 3 हजार पी पी ई किट उपलब्ध हैं जिनमें से 2400 का वितरण किया है। इसी तरह 2 हजार एन-95 मास्क वितरित किये गये हैं। प्रदेश में दो लेब जबलपुर एवं ग्वालियर में हैं जिनमें प्रतिदिन 60 से 100 सेम्पल भेजे जा रहे हैं। अभी 847 सेम्पल भेजे गए हैं, जिसमें से 618 रिपोर्ट प्राप्त हुई है और 229 रिपोर्ट आना शेष हैं। केन्द्र निदेशकों से प्रतिदिन चर्चा हो रही है। हाल ही में 57 शासकीय संस्था एवं 34 निजी संस्था में गहन इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन से निजी अस्पताल की सूची प्राप्त करने के निर्देश दिये हैं।
निजी अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के मरीजों के उपचार में आर्थिक कठिनाई की स्व-घोषणा करने वाले मरीजों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से समस्त उपचार का भुगतान करने की घोषणा का पालन किया जा रहा है।
प्रदेश के मुख्य समाचार-पत्रों में मुख्यमंत्री की अपील भी जारी की गई है। प्रदेश में रेडियो और निजी न्यूज चेनल पर स्वाईन फ्लू से बचने के उपाय का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। केबल ऑपरेटरों के साथ ही इन्टरनेट को भी प्रचार-प्रसार का माध्यम बनाया गया है।
इसी तरह प्रत्येक जिले में 200 वालिंटियरी समूह गठित कर पैम्फलेट के जरिये प्रभावित क्षेत्रों में जागृति के संदेश प्रसारित किये जा रहे हैं। स्वाईन फ्लू से बचाव के उपाय के लिए मशाल जुलूस एवं रैलियों का आयोजन भी किया जा रहा है।
समन्वय समिति भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में स्वाईन फ्लू के मरीजों के इलाज की वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सप्ताह में दो बार समीक्षा कर रही है। प्रदेश के सभी जिलों में 24 घन्टे हेल्पलाइन कार्य कर रही है।