भोपाल, अप्रैल 2015/ गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने प्रदेश पुलिस को स्मार्ट पुलिस बनाने के लिये कहा। पुलिस स्मार्ट दिखे और उसकी स्मार्टनेस काम करते समय आम लोगों को महसूस भी हो। इसके लिये उन्होंने सात सूत्रों पर अमल करने के लिये अधिकारियों को कहा। श्री गौर आज पुलिस मुख्यालय में विभागीय समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव गृह वी.पी. सिंह, डीजीपी सुरेन्द्र सिंह, सचिव गृह श्रीमती सीमा शर्मा और सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

गौर ने कहा कि स्मार्टनेस की जरूरत को समझें। पुलिस स्मार्ट बने, इसके लिये शुरूआत पुलिस को चुस्त-दुरुस्त, बनाने से करें। थानों में पड़े कबाड़ जप्ति के वाहनों को हटायें। यूनिफार्म एक जैसी हो। परेड रेग्यूलर करें और पुलिस के लिये बनाये जा रहे जिम का भी उपयोग करें।

पुलिस त्वरित गति से एक्ट करे। यह तभी होगा जब वह फील्ड में सड़कों, चौराहों पर दिखाई दे। अमले की फील्ड मौजूदगी को तय करने के लिये वरिष्ठ और निरीक्षणकर्ता अधिकारी लगातार निरीक्षण करें। आई.जी. और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी माह में कम से कम एक बार गाँव में रात्रि विश्राम जरूर करें।

इलेक्ट्रॉनिक तकनीक का उपयोग पुलिस भी करें। कागजी कार्यवाही में लगने वाले विलम्ब को कम करते समय और अनावश्यक कागजी लिखा-पढ़ी के स्थान पर ई-गवर्नेंस को अपनायें। उन्होंने कहा कि गोपनीयता की आवश्यकता को ध्यान में रखें पर पारदर्शी कार्य-प्रणाली से जनता में पुलिस की निष्पक्ष और मददगार की छवि बनायें। उन्होंने होमगार्ड को अधिक सशक्त और जनोपयोगी एवं समयानुकूल फोर्स बनाने का प्रस्ताव तैयार करें।

बैठक में बताया गया कि डायल-100 योजना 15 अगस्त, 2015 से सभी 51 जिले में एक साथ शुरू हो जायेगी। एक हजार गाड़ियों में पुलिस चप्पे-चप्पे पर चौबीसों घंटे मौजूद रहेगी और कॉल मिलते ही मौके पर पहुँच कार्यवाही करेगी। इसी तरह प्रदेश के 61 नगर में लगने वाले 2000 सी.सी. टी.व्ही. केमरा के लिये टेंडर प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो गया है। शुरूआत में 11 नगर के 800 चौराहा केमरे की जद में होंगे।

श्री गौर ने कहा कि सरकार स्मार्ट पुलिस के लिये कार्यक्रम और सुविधाएँ और संसाधन दे रही हैं। अब पुलिस अमले को स्मार्ट बनाने की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की है। श्री गौर ने पुलिस मुख्यालय में बनाये गये जिम का शुभारंभ भी किया।

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