भोपाल, सितम्बर 2014/ मध्यप्रदेश में 16 सितम्बर 2014 से भारतीय स्टाम्प (मध्यप्रदेश संशोधन) अध्यादेश लागू हो गया है।

अध्यादेश में कुछ दस्तावेजों, जो वर्तमान अनुसूची में सम्मिलित नहीं हैं, जैसे प्रतिफल की प्राप्ति अभिस्वीकृति, बैंक गारन्टी, सहमति विलेख, मध्यप्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम, 2000 के अन्तर्गत घोषणा-पत्र तथा पूर्व पंजीकृत दस्तावेज को संशोधित अथवा शोधित करने वाला दस्तावेज, उक्त अनुसूची में शामिल किया गया है। पंचाट पर प्रभार्यता सम्पत्ति के बाजार मूल्य अनुसार की गई है। पट्टा विलेखों पर शुल्क को सम्पत्ति के बाजार मूल्य से संबंधित किया गया है। अनुच्छेद 44 (भागीदारी) में यदि अभिदाय का अंश स्थावर सम्पत्ति के रूप में लाया जाता है, तो शुल्क सम्पत्ति के बाजार मूल्य अनुसार होगा। अध्यादेश में दान, विभाजन, निर्मुक्ति एवं व्यवस्थापन, जब दस्तावेज के पक्षकार परिवार (जिसमें माता, पिता, पत्नी, पति, पुत्री, पुत्र, बहन, भाई, पौत्री तथा पौत्र सम्मिलित हैं) के हों, शुल्क की प्रचलित दर 4 प्रतिशत (दान के लिए 5 प्रतिशत) से घटाकर बाजार मूल्य का 2.5 प्रतिशत की गई है।

अध्यादेश में अनुबंध जहाँ विकास के पश्चात् ऐसी विकसित सम्पत्ति या उसके भाग के विकासकर्ता, मालिक/ पट्टेदार के साथ या तो पृथकतः या संयुक्ततः धारित/ विक्रय किया जाएगा -विकासकर्ता द्वारा संयुक्ततः या पृथकतः धारित/ बिक्रित की जाने वाली प्रस्तावित विकसित सम्पत्ति के केवल उस भाग के बाजार मूल्य का 5 प्रतिशत सम्पूर्ण या प्रस्तावित विकसित सम्पत्ति के बाजार मूल्य का एक प्रतिशत; जो भी अधिक हो, किया गया है।

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