भोपाल, अगस्त 2014/ राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर और एसजीएसआईटीएस इंदौर को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलवाने का प्रस्ताव है। निस्सहाय, अशक्त और साधनहीन विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने, स्कूल ड्राप-आउट एवं नौकरी कर रहे 10वीं या आईटीआई पास युवाओं को इंजीनियरिंग डिप्लोमा की शिक्षा देने के लिये चार कम्युनिटी कॉलेज स्थापित किये जायेंगे।
प्रदेश में वर्ष 2003 में उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की प्रवेश क्षमता 24 हजार 231 थी, जो वर्ष 2014 में बढ़कर 2 लाख 25 हजार 719 हो गई है। नवगठित जिला आगर-मालवा में पॉलीटेक्निक महाविद्यालय खोलना प्रस्तावित है। सत्र 2013-14 में 12 नवीन आईटीआई तथा 20 नवीन कौशल विकास केन्द्र स्थापित किये गये हैं। प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एण्ड ट्रेनर की स्थापना की गई है। संभाग-स्तरीय आईटीआई में प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से 2131 प्रशिक्षणार्थी को नियोजित किया गया है। राज्य-स्तरीय कौशल विकास मिशन में मार्च, 2014 तक 6 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है। घरेलू कामकाजी महिलाओं के प्रशिक्षण की योजना में 7,974 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
नवीन सत्र अगस्त, 2014 से 36 आईटीआई में 65 नये ट्रेड प्रारंभ किये जा रहे हैं। आईटीआई नीमच में नवकरणीय ऊर्जा का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा। दस संभाग-स्तरीय आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। नाबार्ड की सहायता से 70 संस्थाओं के भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है। जिला मुख्यालय स्थित 50 आईटीआई का आदर्श आईटीआई में उन्नयन किया जा रहा है। अनसर्विस्ड विकासखण्ड में आईटीआई स्थापना के लिये भूमि का चिन्हांकन लगभग पूर्ण हो चुका है। इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में मल्टीमीडिया एण्ड एनीमेशन, मैकाटॉनिक्स, इण्डस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे 18 उदीयमान पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जायेंगे। प्रदेश के 11 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम की व्यवस्था की जायेगी। पूर्व में 4 इंजीनियरिंग एवं 6 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम की स्थापना की जा चुकी है। नवीन सत्र में 25 पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में ई-वाणी योजना का विस्तार किया जायेगा।