भोपाल, अक्टूबर 2014/ राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘स्कूल चलें हम” अभियान का तीसरा चरण आज से प्रारंभ हो गया। यह चरण 14 नवम्बर तक चलेगा। इसमें शैक्षिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। अभियान के सफल संचालन के लिये समस्त संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक और आदिम-जाति कल्याण के सहायक आयुक्त को निर्देश जारी किये गये हैं। अभियान में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये विभिन्न गतिविधि संचालित होंगी।
प्रारंभिक शिक्षा में कक्षा एक से दो, कक्षा दो से तीन और तीन से आठवीं कक्षा में बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन करवाया जायेगा। कक्षा एक से बारहवीं तक की कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति एवं नामांकन पंजी में शत-प्रतिशत नाम दर्ज होगा। शाला अप्रवेशी एवं शाला त्यागी बच्चों को विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में दक्षता प्राप्त होने के बाद शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा। शाला से बाहर और कक्षा में नामांकन के बाद अनुपस्थित बच्चों के घर पर सम्पर्क कर पुन: उनका शाला में प्रवेश करवाया जायेगा। अप्रवेशी एवं शाला त्यागी, अनाथ, बेघर, प्लेटफार्म और सड़क पर घूमने वाले उपेक्षित बच्चों को आवासीय छात्रावास में प्रवेश दिलाकर शिक्षा से जोड़ने की कार्यवाही होगी।
फसल कटाई के समय अन्यत्र चले जाने वाले बच्चों की सूची तैयार कर ऐसे बच्चों के लिये माइग्रेटरी हॉस्टल संचालित कर बच्चों का शालाओं में प्रवेश सुनिश्चित करवाया जायेगा। बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में प्रवेश के बाद अनुपस्थित छात्राओं के पुन: प्रवेश के लिये उनके घर पर सम्पर्क किया जायेगा। चालू शिक्षा सत्र के दौरान जिन बालक-बालिकाओं को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें, गणवेश, साइकिल आदि वितरित किये गये हैं, उनकी समीक्षा होगी। कक्षा एक से आठवीं के लिये सतत एवं व्यापक मूल्यांकन में बच्चों की कॉपियों की जाँच एवं त्रुटि-सुधार कार्य की सेम्पल मॉनीटरिंग की जायेगी। मॉनीटरिंग में संतोषजनक स्थिति न पाये जाने पर संबंधित शाला के शिक्षक/प्रमुख को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी होगा। कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों का प्रश्न बेंक में से चुने गये 10 प्रश्न के आधार पर क्विज टेस्ट करवाया जायेगा। तीसरे चरण में 16 जून से 3 सितम्बर के मध्य शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति की समीक्षा भी होगी।
कक्षा नवमीं से बारहवीं में दर्ज विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति को सुनिश्चित किया जायेगा। इन्हीं कक्षाओं में दर्ज विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों का सत्यापन होगा। विद्यार्थियों को मिलने वाली नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें, पात्रतानुसार साइकिल, छात्रवृत्ति आदि की समीक्षा होगी। विषयमान शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। जहाँ अंग्रेजी, गणित अथवा विज्ञान के पद रिक्त हैं, वहाँ अतिथि शिक्षक की नियुक्ति के लिये शालावार विश्लेषण होगा। हाल में सम्पन्न हाई एवं हायर सेकेण्डरी की त्रैमासिक परीक्षा परिणाम का विश्लेषण करवाया जायेगा। जिला-स्तर पर टीम बनाकर प्रत्येक ब्लॉक के 15 प्रतिशत विद्यालयों की सेम्पल रेण्डम चेकिंग करवाई जायेगी। टीम विद्यार्थियों की कॉपी की सेम्पल चेकिंग करेगी। शैक्षिक केलेण्डर के अनुसार गतिविधियों का संचालन करवाया जायेगा।
उपहार योजना की प्रगति की समीक्षा भी इस दौरान होगी। आयुक्त आदिम-जाति कल्याण द्वारा घुमक्कड़ एवं वनग्राम के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये की गई कार्यवाही की समीक्षा होगी। आयुक्त सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन कल्याण द्वारा 6 से 14 आयु वर्ग के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शालाओं में दर्ज करवाकर उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग स्कूल की साफ-सफाई तथा निर्माण कार्य के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही की समीक्षा करेगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भी साफ-सफाई और निर्माण कार्यों की जानकारी लेगा। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मोटीवेटर के रूप में कार्य करने वाले आशा कार्यकर्ता और एएनएम तथा अन्य मैदानी अमले द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा करेगा।