भोपाल, अगस्त 2014/ स्कूलों में छोटे बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना से संरक्षित करने के उद्देश्य से जरूरी है कि स्कूलों में सी.सी. टी.व्ही. केमरे लगाये जायें। मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा चतुर्वेदी ने आज दो-दिवसीय विशेष बेंच में प्रकरणों की सुनवाई करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर आयोग के सदस्य श्रीमती आर.एच. लता और विभांशु जोशी भी उपस्थित थे।

जबलपुर के आवेदक अभय मेश्राम ने माता-पिता की मृत्यु के पश्चात चाचा से अपनी चल-अचल सम्पत्ति दिलवाने के लिये आग्रह किया था। आयोग ने कहा कि आयोग द्वारा सम्पत्ति के विवाद का निराकरण नहीं किया जाता, किन्तु बच्चों की परवरिश के लिये आवश्यक धनराशि प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जायेगा। आयोग ने आवेदक के चाचा को निर्देश दिये कि वे आवेदक एवं छोटे भाई की पढ़ाई के लिये प्रतिमाह 10 हजार की राशि प्रदान करें। आयोग द्वारा भोपाल के श्री सत्यम मालवीय को उसके दादा श्री प्रहलाद मालवीय से पढ़ाई आदि के लिये नियमित रूप से धनराशि उपलब्ध करवाने की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

आयोग द्वारा संज्ञान लिये जाने पर सतना जिले के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गैहर में अग्नि-शमन यंत्र लगाये जाने की जानकारी प्राचार्य ने सुनवाई में दी। बेरसिया के ग्राम चापड़िया के शासकीय कस्तूरबा गाँधी कन्या छात्रावास में छात्राओं को पीटने संबंधी समाचार के विषय में पाया गया कि वहाँ 150 छात्राएँ हैं। जिस बालिका द्वारा शिकायत की गई, वस्तु-स्थिति में उस बालिका का भी दोष पाया गया। लाइफ लाइन पब्लिक स्कूल बैरागढ़ के विरुद्ध आयोग को प्राप्त शिकायत की जाँच अध्यक्ष श्रीमती ऊषा चतुर्वेदी स्वयं ही करेंगी। शिवाजी वार्ड चीचली जिला बैतूल के शिकायती पत्र में स्कूल शिक्षक द्वारा दुर्भावनावश बच्चों को प्रताड़ित करने संबंधी शिकायत असत्य निकली। आयोग में आज 13 प्रकरण पर सुनवाई की गई।

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