भोपाल, जून 2015/ विश्व के सबसे बड़े सोलर प्लांट का श्रेय हासिल करने वाला रीवा सोलर स्ट्रीट लाइट के मामले में प्रदेश का रोल मॉडल बनने जा रहा है। ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल विभिन्न सरकारी उपक्रम तथा जन-भागीदारी से बनने वाले इस सोलर पॉवर प्लांट का भूमि-पूजन रीवा में 21 जून को करेंगे। यूनीवर्सिटी रोड की साढ़े 3 किलोमीटर की सड़क क्लीन एनर्जी से रोशन होगी।

ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की पहल पर सोलर पावर प्लांट के लिए साझेदारी का यह अनूठा प्रयोग है, जो रीवा के बाद प्रदेश भर के शहरों के लिए रोल मॉडल बनेगा। कुल सवा दो करोड़ की लागत से स्थापित होने जा रहे इस प्रोजेक्ट में इंजीनियरिंग कॉलेज में 100 किलोवॉट के सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग 89 लाख रुपए देगा। स्ट्रीट लाइट के 120 खंभों के लिए 1 करोड़ 50 हजार रूपये खर्च होंगे। इसमें 50 लाख रूपये जन-भागीदारी तथा 50 लाख रुपये जिला प्रशासन वहन करेगा। ऊर्जा विकास निगम 120 पोल पर 240 एलईडी लाइट उपलब्ध करवायेगा, जिसकी लागत करीब 5 लाख आएगी। इस तरह साझीदारी का अपनी तरह का यह अनूठा प्रयोग होगा।

सोलर पॉवर के लिए जर्मनी में प्रचलित नेट मीटरिंग का प्रदेश में पहली बार प्रयोग होगा। यानी सोलर प्लांट में उत्पादित होने वाली बिजली ग्रिड में दी जाएगी। नेट मीटरिंग के जरिए यह गणना होगी कि कितनी यूनिट बिजली ग्रिड में दी गई और कितनी स्ट्रीट लाइट के लिए उपयोग की गई। प्लांट से औसत 400 यूनिट बिजली प्रतिदिन उत्पादित होगी। रीवा के विश्वविद्यालय रोड में साढ़े 3.5 किलोमीटर की सडक़ रात को एलईडी की रोशनी से जगमगाएगी। इंजीनियरिंग कॉलेज के सोलर प्लांट में जितनी बिजली उत्पादित होगी, उससे प्रतिवर्ष 450 टन कार्बन उत्सर्जन कम हो सकेगा।

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