भोपाल, जनवरी 2015/ जल्दी ही पूरे प्रदेश में सोनोग्राफी सेंटर के संचालन के लिये आवश्यक फार्म ‘एफ’ की पूर्ति ऑनलाइन की जा रही है, जिससे मशीनों की आसानी से ट्रेकिंग की जा सकेगी। यह बात मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश फैज अहमद किदवई ने पीसी-पीएनडीटी की राज्य-स्तरीय समीक्षा बैठक और कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही। अध्यक्षता संचालक लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा राज्य समुचित प्राधिकारी, डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने की।

कार्यशाला में प्राप्त सुझावों, चर्चा और मंथन से प्राप्त निष्कर्षों का उपयोग अधिनियम को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिये किया जायेगा। कार्यशाला में राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड के सदस्य, राज्य सलाहकार समिति के सदस्य, विभिन्न जिले के नोडल अधिकारी, कानून और चिकित्सा विशेषज्ञ, नागरिक समितियों के प्रतिनिधि ने भाग लिया।

श्री किदवई ने बताया कि पहले छह माह के प्रशिक्षण के बाद केन्द्र संचालक को मशीन उपयोग का अधिकार मिल जाता था। अब मशीन के पंजीयन और लायसेंस नवीनीकरण के लिये परीक्षा अनिवार्य कर दी गई है। परीक्षा का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर उपलब्ध है। परीक्षा उत्तीर्ण न करने पर नवीनीकरण निरस्त कर दिया जायेगा। प्रदेश के पाँच जिले इंदौर, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर और टीकमगढ़ में ट्रेकिंग व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। इंदौर में 2014 में ट्रेकिंग सिस्टम में अब तक 1 लाख 46 हजार फार्म डिजिटाइज्ड किये गये हैं।

प्रदेश में वर्तमान में 1378 सोनोग्राफी सेंटर संचालित हैं, जिनमें शिशु लिंग परीक्षण प्रतिषेध है। कुल केन्द्र में 57 प्रतिशत सोनोग्राफी केन्द्र अकेले पाँच बड़े नगर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन में हैं। दोषी पाये गये 40 केन्द्र के खिलाफ न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। दो प्रकरणों में सजा दी गई है, जिनमें एक इंदौर और एक भोपाल का प्रकरण शामिल है।

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