भोपाल, दिसम्बर 2015/ सैलानियों को नए साल में ‘वाटर टूरिज्म’ की नई सौगात मिलने जा रही है। फरवरी 2016 में राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा ‘जल महोत्सव’ इंदिरा सागर बाँध के हनुवंतिया टापू पर किया जा रहा है इससे पर्यटक वाटर टूरिज्म का लुत्फ उठा सकेंगे। जल महोत्सव के रोमांचकारी आयोजन से न केवल प्रदेश में पर्यटन के नये क्षेत्र खुल सकेंगे बल्कि जल पर्यटन की दिशा में नई पहल भी हो जायेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप वाटर टूरिज्म को बढ़ावा देने और सैलानियों को आकर्षित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हाल ही में एक बैठक में जल-महोत्सव की प्रारंभिक तैयारियों की समीक्षा कर इसे अपने उद्देश्यों में सफल बनाने के निर्देश दिये गए थे।
प्राकृतिक रूप से समृद्ध मध्यप्रदेश में इंदिरा सागर बाँध जैसी विपुल जल राशि मौजूद है, जो न केवल देश बल्कि एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित वाटर बाडी है। इसके अतिरिक्त बरगी, गाँधी सागर, तवा, बाण सागर जैसे बड़े बाँध भी वाटर टूरिज्म को प्रोत्साहित करने और इसके शौकीन सैलानियों को आकर्षित करने के लिए मौजूद हैं।
अगले साल 12 से 21 फरवरी तक होने वाले जल-महोत्सव के दौरान वाटर स्पोर्टस, पतंगबाजी, वालीबाल, बैलगाड़ी दौड़ आदि प्रतियोगिता होगी। प्रदेश के साथ निमाड़ और मालवा अंचल की संस्कृति एवं लोक नृत्य पर केन्द्रित आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जायेंगे। क्रॉफ्ट बाजार में लाख से बनी वस्तुएँ, मेहंदी और माटी कला बोर्ड द्वारा तैयार वस्तुएँ प्रदर्शित की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि खण्डवा जिले के नर्मदा नगर में मध्यप्रदेश की जीवन-रेखा पुण्य-सलिला नर्मदा पर इंदिरा सागर बाँध बनाया गया है। कुल 913.04 हेक्टेयर किलोमीटर में यह बाँध स्थापित है।
बाँध का सौंदर्य टापुओं ने और भी बढ़ा दिया है। बाँध के बनने से प्राकृतिक रूप से 8 से 10 बड़े टापू बन गये हैं। यह बाँध का एक ऐसा महत्वपूर्ण पक्ष है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यही वजह है कि पर्यटन विकास निगम ने इसे महत्वपूर्ण पर्यटन-स्थल के रूप में विकसित करने के लिये फरवरी, 2016 में इंदिरा सागर बाँध पर जल-महोत्सव मनाने का निर्णय लिया। यह इसलिये और भी प्रासंगिक है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2015-16 को पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में पर्यटन विकास निगम यह एक महती कदम है।