भोपाल, अगस्त  2014/ केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं परन्तु हमारे सैनिकों का हमारे ऊपर जो ऋण है उसको उतारने के लिए झंडा दिवस पर सैनिक कल्याण कोष में अधिक से अधिक दान देना हम सबका कर्तव्य है। राज्यपाल राम नरेश यादव यहाँ भूतपूर्व सैनिकों के लिये संचालित समामेलित विशेष निधि (एएसएफ) की 15वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक सैनिक कल्याण संचालनालय द्वारा रखी गई थी। उन्होंने संचय निधि में प्रदेशवासियों, विशेषकर युवाओं और छात्र-छात्राओं की सक्रिय भूमिका पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसमें युवाओं की और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया। बैठक में मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, राज्यपाल के प्रमुख सचिव विनोद सेमवाल, प्रमुख सचिव गृह बी.पी. सिंह, वित्त सचिव मनीष रस्तोगी और समितियों के सदस्य उपस्थित थे।

राज्यपाल ने कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात जाँबाज सैनिक अपना सब कुछ छोड़कर सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, उनकी बहादुरी के कारण ही हम शांति और चेन के साथ जीवन-यापन कर रहे हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम उनके परिवार के कल्याण, उन्नति और सम्मान के लिए योगदान दें। यह पुण्य का कार्य है इसमें सभी देशवासियों की भागीदारी होने से न केवल समाज अपितु देश तथा राज्य का मान बढ़ता है बल्कि सेना में कार्यरत सैनिकों का आत्म-विश्वास भी बढ़ता है।

श्री यादव ने झण्डा दिवस पर लक्ष्य से अधिक धनराशि एकत्र करने वाले संभाग और जिलों के आयुक्त, कलेक्टर एवं अधिकारियों को बधाई देते हुए अपेक्षा की कि वे भविष्य में भी अपने ये प्रयास जारी रखेंगे। 

बैठक में प्रदेश के दो सम्भाग और 21 जिले के कलेक्टर को लक्ष्य से अधिक राशि एकत्रित करने पर पुरस्कृत किया गया। इनमें प्रदेश के नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग सहित सिवनी, नीमच,बैतूल, सिंगरोली, कटनी, मंडला, हरदा, मंदसौर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, शहडोल, होशंगाबाद, बालाघाट, खरगोरन, बुरहानपुर, जबलपुर, रायसेन, दमोह, टीकमगढ़, इंदौर और सीहोर जिले और 14 भूतपूर्व सैनिक कल्याण समितियां शामिल हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here