भोपाल, जून 2015/ लोक सेवा प्रबंधन एवं विज्ञान-प्रौद्योगिकी मंत्री भूपेन्द्र सिंह तथा यूनीसेफ के स्टेट हेड ट्रेवर डी. क्लार्क ने यहाँ सीएम हेल्पलाइन कॉल-सेंटर का निरीक्षण कर वहाँ संचालित गतिविधियों की विस्तार से जानकारी ली। यूनीसेफ के स्टेट हेड क्लार्क ने कहा कि मध्यप्रदेश में सी.एम. हेल्पलाइन के माध्यम से सुशासन की सराहनीय पहल की गयी है। इससे दूर गाँव में बैठे लोगों को शासन की विभिन्न योजना की जानकारी मिलने के साथ ही उनकी समस्याओं को भी हल किया जा रहा है।
कॉल-सेंटर के निरीक्षण में मंत्री ने विदिशा जिले की कुरवाई तहसील के ग्राम सत्तूखेड़ी निवासी कल्याण सिंह से उनकी शिकायत के संबंध में मोबाइल पर बात की। कल्याण सिंह ने बतलाया कि उन्होंने 28 अक्टूबर, 2014 को अपनी जमीन के सीमांकन के लिये आवेदन दिया था, जिसका निराकरण अभी तक नहीं हो पाया है। मंत्री ने विदिशा कलेक्टर बी.एम. ओझा को दूरभाष पर निर्देशित किया कि प्रकरण में तीन दिन में सीमांकन के साथ ही संबंधित राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के विरुद्ध कार्रवाई करें। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने शिकायतकर्ता से कहा कि तीन दिन में समस्या का निदान न होने पर वे 181 नम्बर पर सीएम हेल्पलाइन में दोबारा अपनी शिकायत दर्ज करवायें। यूनीसेफ के क्लार्क ने कॉल-सेंटर के माध्यम से शिकायत निराकरण की इस प्रक्रिया की सराहना की।
निरीक्षण के दौरान प्रेजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी गयी कि एक जुलाई, 2014 से स्थापित सीएम हेल्पलाइन में शासन की योजनाओं एवं शिकायतों के संबंध में आये 93 प्रतिशत कॉल का निराकरण कर दिया गया है। कॉल-सेंटर प्रतिदिन सुबह 7 से रात्रि 11 बजे तक कार्य करता है। सेंटर में रोजाना औसतन 35 हजार कॉल आते हैं। ज्यादातर कॉल योजनाओं की जानकारी लेने के लिये आते हैं।
इस अवसर पर सीएम हेल्पलाइन के संचालक सुनील दुबे, कॉल-सेंटर के संचालक एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।