मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी सिंहस्थ के पूर्व लगभग 432 करोड़ रूपये की लागत की नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना का कार्य पूर्ण हो जाएगा। इससे प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध उज्जैन सिंहस्थ समागम में आने वाले संत व श्रध्दालु पुण्य सलिला माँ नर्मदा और मोक्षदायिनी क्षिप्रा के जल में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने आज खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के सिसलिया गाँव में नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना का विधिवत कलश पूजन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहु प्रतीक्षित परियोजना से प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा का जल क्षिप्रा में सतत् प्रवाहित रहेगा। उन्होंने कहा कि पवित्र तीर्थ-स्थल उज्जैन में नदी से नदी जोड़ने की यह अभिनव सम्मिलित योजना बहुआयामी सिध्द होगी। यहाँ नदियों के इस सम्मिलन से तीर्थ-यात्रियों, स्थानीय निवासियों तथा क्षिप्रा तट के किनारे बसे ग्रामों को भी शुध्द पवित्र जल पीने व स्नान के लिए सदैव उपलब्ध रहेगा। श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के उज्जैन एवं देवास जिले के अन्तर्गत पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण यहाँ के अधिकांश क्षेत्रों में जल स्तर में कमी आई है। इससे विकास के साथ जन जीवन भी प्रभावित हुआ है। सिंहस्थ के मद्देनजर नर्मदा नदी से  मालवा की गंगा क्षिप्रा में जल भराव किया जा रहा है। ओंकारेश्वर बाँध की बाँयी नहर से 85 क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध है। इस जल से 20 क्यूबिक मीटर में से 5 क्यूबिक मीटर जल को उद्वहन कर सिसलिया तालाब से जिला इन्दौर के उज्जैनी ग्राम के समीप जीजालवंती में संकलित करना प्रस्तावित है। यह स्थान शिप्रा नदी के उद्गम-स्थल के पास है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर .परशुराम, मुख्यमंत्री के सचिव श्री हरिरंजन राव, विधायक श्री राजकुमार मेव, विधायक श्री हितेन्द्रसिंह सोलंकी, पूर्व विधायक श्री भूपेन्द्र आर्य, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, नर्मदा घाटी विकास परियोजना के मुख्य अभियंता सहित निकायों के जन-प्रतिनिधि व बड़ी संख्या में आस-पास के ग्रामों के ग्रामीण उपस्थित थे।

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